Himachal: तबाही से भी नहीं सबक; मंडी शहर में ब्यास नदी और सुकेती खड्ड किनारे बहुमंजिला भवन, कभी भी हो सकता है हादसा
Himachal Pradesh Disaster मंडी में भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ है खासकर ब्यास नदी और सुकेती खड्ड के किनारे बने भवनों को। नियमों का उल्लंघन करते हुए कई बहुमंजिला इमारतें बनाई गईं जिनमें सरकारी भवन भी शामिल हैं। नदी किनारे 25 मीटर की दूरी के नियम का पालन नहीं हुआ। बार-बार तबाही के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है।
मुकेश मेहरा, मंडी। Himachal Pradesh Disaster, हिमाचल प्रदेश में इस बार भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिला में हुआ है। मंडी शहर की बात करें तो यहां ब्यास नदी व सुकेती खड्ड के किनारे ही बहुमंजिला भवन बनाए गए हैं। नियमों का पालन तो दूर जिंदगी का भी ध्यान नहीं रखा गया।
भवन निर्माण में नियमों की अनदेखी निजी ही नहीं सरकारी भवनों के निर्माण में भी हुई है। नदी किनारे 25 मीटर दूरी तक भवन न बनाने के नियम मंडी की सुकेती खड्ड और ब्यास नदी के किनारे छोटे पड़ गए हैं।
हालांकि ये भवन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश आने से पहले के बने हैं। अब इन भवनों पर मंजिल दर मंजिल बनाई जा रही हैं। बार-बार ब्यास नदी और सुकेती खड्ड तबाही मचा रही है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है।
मंडी में नदी किनारे 50 से अधिक भवन
नगर निगम मंडी के क्षेत्र में सुकेती खड्ड और ब्यास नदी के किनारे 50 से अधिक भवन बने हैं। इन भवनों का निर्माण काफी पहले हुआ है। अब अधिकतर भवनों में किरायेदार रखने के चक्कर में मंजिलें ऊपर चढ़ाई गई हैं।
नियमों की हुई है अनदेखी
हालांकि अब नया भवन बनाने के लिए नगर निगम के पास नक्शा मंजूर करवाना पड़ता है। उसमें यह देखा जाता है कि भवन नदी-नाले से कितना दूर है। नगर निगम की टीम को ही इसके लिए मौके पर जाकर हालात देखने होते हैं। सरकारी विभागों की बात करें तो पशुपालन विभाग का नया भवन सुकेती नदी के किनारे पर बनाया जा रहा है। इसका काम जारी है।
कई वर्ष पहले बने हैं भवन
मंगवाई वार्ड के रहने वाले नरेश कुमार, विजय, दीना नाथ, रंगा सिंह व तेजपाल ने बताया कि उनके घर कई वर्ष पहले के बने हैं। नया भवन नदी किनारे नहीं बन रहा है। अब कोई भी काम करने से पहले नगर निगम से मंजूरी लेनी पड़ती है।
नदी किनारे बन रही रेहड़ी फड़ी मार्केट
सुकेती नदी किनारे ही बाईपास पर रेहड़ी-फड़ी मार्केट का निर्माण हो रहा है। यहां पर बड़े वाहनों की पार्किंग भी है। इसके लिए पहले आपत्ति भी लगी थी, जिसके बाद कुछ समय के लिए काम रोका गया है।
ये हैं नियम
नदी किनारे जलशक्ति विभाग सबसे अधिक फ्लो लेवल का एक निशान लगाता है। इसके 25 मीटर आगे तक कोई निर्माण नहीं हो सकता है। जब भी भवन के लिए नक्शा बनाया जाता है तो उसी निशान के आधार को मानक माना जाता है। इस नियम के अंदर कोई भवन बन रहा हो तो भवन निर्माण की मंजूरी नहीं मिलती है।
नगर निगम के तहत ब्यास नदी व सुकेती खड्ड के किनारे भवन निर्माण की अनुमति नहीं है। नियमों के अनुसार ही नक्शा पास किया जाता है। नियमों की अवहेलना करने वालों को समय-समय पर नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किए जाते हैं।
-विजय कुमार, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम मंडी।
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