हिमाचल प्रदेश विधानसभा का घेराव करेंगे 3000 कर्मचारी, बोले- तीन साल से नजरअंदाज किए जा रही सरकार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से शुरू हो रहा है। 27 नवंबर को लोक निर्माण विभाग के लगभग 3000 मल्टी टास्क वर्कर (एमटीडब्ल्यू) विधानसभा का घेराव करेंगे। एमटीडब्ल्यू यूनियन के अध्यक्ष हेमराज ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में न्यूनतम दिहाड़ी और मेडिकल सुविधाएँ शामिल हैं। मांगों को पूरा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

धर्मशाला के तपोवन स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा का परिसर। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, मंडी। Himachal Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से शुरू हो रहा है। सत्र के दूसरे ही दिन हजारों कर्मचारी सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने धर्मशाला तपोवन स्थित विधानसभा परिसर के बाहर पहुंचेंगे।
लोक निर्माण विभाग के मल्टी टास्क वर्कर (एमटीडब्ल्यू) 27 नवंबर को तपोवन स्थित विधानसभा का घेराव करेंगे। करीब 3000 एमटीडब्ल्यू इसके लिए तपोवन पहुंचेंगे।
तीन साल से नजरअंदाज कर रही सरकार
एमटीडब्ल्यू यूनियन के थलौट डिविजन के अध्यक्ष हेमराज ने बताया कि पिछले तीन साल से कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं लेकिन सरकार सबको नजरंदाज कर रही है।
5500 रुपये मानदेय और एक छुट्टी
कर्मचारियों को केवल 5500 रुपये मासिक मानदेय मिलता है और केवल एक छुट्टी। उन्होंने कहा कि हमारी प्रमुख मांगों में न्यूनतम दिहाड़ी देना, कर्मचारियों के लिए स्थानीय नीति बनाना, मेडिकल संबंधित सुविधा कर्मचारियों को उपलब्ध करवाना आदि प्रमुख मांगे हैं।
बजट में भी किया गया नजरअंदाज
उन्होंने कहा कि इस बार सरकार की ओर से रखे गए बजट में भी एमटीडब्ल्यू को नजरंदाज किया गया है। हेमराज ने कहा कि इन मांगों को लेकर कई बार सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा जा चुका है, लेकिन सरकार की ओर से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।
मांगें न मानी तो लगातार जारी रहेगा आंदोलन
इसलिए अब सभी एमटीडब्लयू इस बार विधानसभा सत्र के दौरान 27 नवंबर को अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगें और इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। अगर सरकारी हमारी मांगें नहीं मानती है तो हमारा आंदोलन लगातार जारी रहेगा।

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