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    Mandi News: बाढ़ में बहे सोना को ढूंढने में लगा दी सरकारी मशीन, कांग्रेस नेता रेड्डी पर भड़के लोग; बोले- अन्याय न करो

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 08:54 PM (IST)

    मंडी के सराज क्षेत्र के रूषाड़ गांव में सड़क बिजली और पानी की बहाली का इंतजार कर रहे लोगों को राजनीतिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा। 30 जून को प्राकृतिक आपदा में गांव की सड़क बह गई थी। सड़क बहाली के लिए आई पोकलेन मशीन को कथित तौर पर एक कांग्रेस नेता के रिश्तेदार के निजी काम में लगा दिया गया जिससे ग्रामीण महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

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    कांग्रेस नेता ने रिश्तेदार के निजी काम में लगा दी सरकारी मशीन, महिलाओं का विरोध।

    संवाद सहयोगी, थुनाग (मंडी)। सराज क्षेत्र के रूषाड़ गांव के लोगों को जहां करीब एक महीने से सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की बहाली का इंतजार था, वहीं अब उन्हें राजनीति का कड़वा स्वाद भी चखना पड़ा है। 30 जून की रात आई प्राकृतिक आपदा में गांव की एकमात्र संपर्क सड़क मलबे में समा गई थी।

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    उम्मीद तब जगी जब सड़क बहाल करने के लिए एक पोकलेन दो दिन पहले मौके पर पहुंची थी, लेकिन रविवार को यह मशीन कथित रूप से एक कांग्रेस नेता के रिश्तेदार के निजी कार्य में लगा दी गई। खड्ड में नेता के रिश्तेदार का कीमती सामान ढूंढने के साथ खड्ड का बहाव बदलने का प्रयास किया गया।

    पोकलेन निजी कार्य में लगाए जाने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई और रूषाड़ गांव की करीब 100 महिलाएं इकट्ठा होकर पांडवशिला में विरोध प्रदर्शन के लिए पहुंच गईं। गुस्से से भरी महिलाओं ने कहा कि प्रशासन और नेताओं की लापरवाही ने उनकी मुश्किल बढ़ा दी हैं। महिलाओं का आरोप था कि इतने दिनों बाद सड़क बहाली का कार्य शुरू हुआ तो वह भी राजनीति की भेंट चढ़ गया।

    स्थिति तब और बिगड़ गई जब कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी मौके पर पहुंचे। एक महिला ने उनसे कहा कि हमने भी कांग्रेस को वोट दिया है, हमारी भी सुनो। इस पर गुस्साए रेड्डी ने कथित तौर पर उत्तर दिया कि हमने वोटआपकी जेब से नहीं निकाला था। इस टिप्पणी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया, जिससे कांग्रेस पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

    इस घटना के बाद एसडीएम थुनाग रमेश कुमार और जंजैहली थाना पुलिस मौके पर पहुंची। बीच-बचाव कर मामले को शांत किया। रूषाड़ गांव के तीन लोग पानी के तेज बहाव में बह गए थे। इनमें एक का शव बरामद हो गया था। दो अभी लापता हैं। सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग बंटी ने बताया कि मशीन कुछ समय के लिए दूसरे स्थान पर गई थी, जिससे गलतफहमी हुई और विवाद बढ़ गया।

    पंचायत प्रधान नरेश ठाकुर ने भी पुष्टि की कि मशीन सड़क बहाली के लिए आई थी लेकिन उसे निजी काम में लगाने पर महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा से तो लड़ लेंगे, लेकिन नेताओं की उपेक्षा और राजनीतिक हस्तक्षेप ने उनका मनोबल तोड़ दिया है।

    रूषाड़ गांव के करीब 270 लोग अब भी सड़क, बिजली और पानी से वंचित हैं। प्रशासनिक दखल से मशीन दोबारा सड़क बहाली के कार्य में भेजी गई।