हिमाचल में बाढ़ ने मचाया कोहराम, अचानक सैलाब आया और बह गए लोग; Photos में देखें तबाही का मंजर
Himachal Pradesh Flood मंडी जिले में भारी बारिश और बादल फटने (Mandi cloudburst) से भारी तबाही हुई है। ज्यूणी खड्ड में आई बाढ़ से स्यांज पंचायत में तीन पीढ़ियों का अंत हो गया जिसमें दादी परदादी बेटा और पोता बह गए। धर्मपुर करसोग गोहर और थुनाग में कई घर बह गए और खेत नष्ट हो गए। राज्य में 406 से ज़्यादा सड़कें बंद हैं।

हंसराज सैनी, मंडी। Himachal Pradesh Update: मंडी जिले में सोमवार रात को बरसी आफत से ऐसा सैलाब आया जिसे देखकर रूह कांप उठी। तेज वर्षा व बादल फटने से नदी-नालों के कहर से लोग वर्षों तक उबर नहीं पाएंगे।
कहीं मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गए तो कहीं लोगों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया। आंखों के सामने किसा का घर बह गया तो किसी की गोद सूनी हो गई। जिन बच्चों ने उस रात स्कूल का होमवर्क किया था, अगली सुबह वह खुद लापता हो गए।
गोहर उपमंडल की स्यांज पंचायत में ज्यूणी खड्ड के उफान ने एक ही झटके में तीन पीढ़ियों का अंत कर दिया। जिस घर में दादी, परदादी अपने पोते को कहानियां सुनाया करती थी, वहां अब सिर्फ मलबा है। परदादी, दादी, बेटा व पोता सैलाब में बह गए। झाबे राम का मकान पक्का था।
उसके पड़ोसी पदम देव का मकान कच्चा था। बाढ़ का आभास होने पर वह भी पत्नी देवकू के साथ झाबे राम के घर पहुंच गया। झाबे राम के स्वजन सहित यह दंपती भी जान बचाने के लिए छत पर चले गए। लेकिन पानी का तेज वेग सब कुछ बहा ले गया। दोनों मकानों की नींव तक नहीं बची। कभी खड्ड से 200 मीटर की दूरी पर घर थे, तबाही के बाद इसका पता लगाना भी मुश्किल हो गया है।
किसी को घर से हाथ धोना पड़ा, किसी को अपनों से
रातभर हुई मूसलधार वर्षा के बाद धर्मपुर, करसोग, गोहर व थुनाग उपमंडल में भारी तबाही हुई है। कई घर बह गए तो कई जगह खेत और पशुधन नष्ट हो गया। गोहर उपमंडल के बाड़ा में दादी व पोता आपदा की भेंट चढ़ गए। यहां ग्रामीणों ने चार लोगों की जान बचा ली।
राज्य भर में 400 से ज़्यादा सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के बाद राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं, जहां 994 ट्रांसफार्मर भी बाधित हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि 24 घर, 12 मवेशी शेड, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हिमाचल में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए अभियान जारी है। वहीं, आपदा में 30 मवेशी भी मारे गए हैं।
एसईओसी ने कहा कि मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन सहित कुल 332 लोगों को बचाया गया है। मंडी जिले में, गोहर में चार स्थानों, करसोग में तीन, धर्मपुर में दो और थुनाग में एक स्थान पर बादल फटने की सूचना मिली। बाड़ा में दो और तलवारा में एक की मौत हुई, दोनों गोहर क्षेत्र में, करसोग के पुराने बाजार में एक और जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया।
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि भारी बारिश के बाद बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जिले में कुछ स्थानों पर व्यापक नुकसान हुआ है, जिसके चलते कई लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 जून को मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ, Photo Source: PTI)
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