Himachal News: कुल्लू के पूर्व SDM के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज, अधिवक्ता व प्रॉपर्टी डीलर भी नामजद
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के एसडीम रहे विकास शुक्ला के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एडीएम के खिलाफ यौन शोषण साजिश और गैंग रेप के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। केस एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है। कुल्लू का एक अधिवक्ता व प्रॉपर्टी डीलर भी नामजद है।

जागरण संवाददाता, मंडी। कुल्लू के पूर्व एसडीएम रहे एचएएस अधिकारी विकास शुक्ला के विरुद्ध महिला थाना कुल्लू में दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोप में शुक्ला व उसके दो अन्य साथियोंं को नामजद किया गया है।
तीनों आरोपितों के अलावा एक महिला के विरुद्ध पीड़िता का मोबाइल फोन छीनने की धारा लगाई गई है। सभी पर आपराधिक साजिश रचने,जान से मारने की धमकी देने, पीड़िता की गरिमा का अपमान करने तथा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (2) (v)लगाई गई है।
अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि विकास शुक्ला ने शादी का झांसा देकर उसका तीन वर्ष तक यौन शोषण किया। गर्भपात करवाया। जब शादी करने को कहा तो जान से मारने की धमकी दी। 24 सितंबर 2024 को साजिश के तहत एक आरोपित महिला ने उसे एसडीएम के आवास पर बुलाया। वहां उपस्थित एक प्रापर्टी डीलर ने दरवाजा बंद कर पर्स व मोबाइल फोन छीन लिया। निर्ममता से पिटाई की। एक अधिवक्ता ने वीडियो बनाया व जान से मारने की धमकी दी।
तीनों आरोपितों ने सामूहिक दुष्कर्म करने का प्रयास किया। पिटाई करने के बाद कुल्लू के एक निजी अस्पताल में आरोपितों ने भर्ती करवा दिया। आरोपितों ने मोबाइल फोन ब्यास नदी में फेंक दिया। अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। उसे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी दी गई। पीड़िता तीन वर्ष से आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज करवाने का प्रयास कर रही थी,लेकिन आरोपितों की ऊंची पहुंच के चलते पुलिस कार्रवाई करने से बच रही थी।
इस मामले में अब वह पुलिस कर्मी भी जांच के रडार में आ सकता है,जिसने अपनी मर्जी से पीड़िता का बयान लिखकर उसकर पीड़िता का अंगूठा लगवा दिया था,जबकि पीड़िता पढ़ी लिखी है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया है। पुलिस ने सभी आरोपितों किे विरुद्ध आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है। केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
सुंदरनगर के समाज सेवी अश्वनी सैनी ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की थी। मुख्य सचिव ने पुलिस महानिदेशक व गृह सचिव को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। आइपीसी की धारा 376 में 10 वर्ष,सामूहिक दुष्कर्म के प्रयास की धारा में 10 वर्ष,जान से मारने की धमकी में सात वर्ष तथा एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में उम्र कैद की सजा का प्रविधान है।
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