Beas River Flood: ब्यास नदी ने दिखाया रौद्र रूप, कीरतपुर-मनाली फोरलेन बंद होने से फंसे सैकड़ों वाहन, पंडोह डैम से छोड़ा पानी
Beas River Flood मंडी जिले के पंडोह में कीरतपुर-मनाली फोरलेन भूस्खलन से बाधित हो गया है जिससे झलोगी में सड़क बह गई और यातायात ठप हो गया। दवाड़ा फ्लाईओवर के नीचे ब्यास नदी का पानी बढ़ने से स्थिति गंभीर हो गई। प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और राहत शिविरों में व्यवस्था की है।
विशाल वर्मा, पंडोह (मंडी)। Beas River Flood, कीरतपुर-मनाली फोरलेन पंडोह से औट के बीच भूस्खलन से बाधित हो गया है। सबसे ज्यादा नुकसान झलोगी और दवाड़ा क्षेत्र में हुआ। झलोगी में सड़क का बड़ा हिस्सा बह जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। दवाड़ा फ्लाईओवर के नीचे ब्यास नदी का पानी दो फीट तक चढ़ गया है।
सोमवार दोपहर बाद से ही कीरतपुर-मनाली फोरलेन बंद है। सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन नौ मील फोरलेन, पंडोह बांध, कैंची मोड़ व आसपास के क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राहत शिविरों में भोजन, दवाएं व पीने के पानी की व्यवस्था की है। एसडीआरएफ, पुलिस व होमगार्ड की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।
फ्लाईओवर के साथ बना पैदल पुल भी बह गया है। इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। पंडोह डैम से आगे पीवीटी मोड़ पर भी भूस्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। कभी भी टूटने का खतरा है। मंगलवार सुबह ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, इससे पंडोह व आसपास के क्षेत्र दहशत में आ गए। लोगों को 2023 की भयावह बाढ़ की दर्दनाक यादें ताजा हो गईं।
ब्यास का बढ़ता जलस्तर देख सहमे लोग, सामान निकाला
सुबह जैसे-जैसे ब्यास का जलस्तर बढ़ा, पंडोह बाजार में अफरा-तफरी मच गई। दुकानदारों और घरों में रहने वाले परिवारों ने अपना सामान ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट कर किया। बाबा बालक नाथ मंदिर प्रबंधन ने भी एहतियातन स्टोर का सामान ऊपर शिफ्ट कर दिया। स्थानीय निवासी रोहित कुमार व कृष्ण सैनी ने बताया कि पिछले वर्ष की तबाही अब भी जहन में है। स्थिति वैसा ही मंजर दोहराते नजर आ रही हैं। लोगों ने अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा कर दिया है।
पंडोह बांध से छोड़ा डेढ़ लाख क्यूसेक पानी
बीबीएमबी के अधीक्षण अभियंता ई. अजय पाल सिंह ने बताया कि पंडोह बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सिल्ट की मात्रा अधिक होने के कारण डिसिल्टिंग प्रक्रिया रोक दी गई है। डैहर पावर हाउस को पानी की सप्लाई भी बंद कर दी गई है। बांध के सभी पांच गेट खोल दिए गए हैं। पंडोह से मंडी तक लगातार अलर्ट जारी किया जा रहा है।
प्रशासन अलर्ट, वर्षा का खतरा कायम
प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वह ब्यास नदी के किनारे न जाएं। अनावश्यक यात्रा से बचें। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
यह भी पढ़ें- Beas River Flood: ब्यास बहा ले गई 16 भवन; कुल्लू के रामशिला में खाली करवाए घर, छह पुल बहे
यह भी पढ़ें- Manali Flood: बादल फटने से ब्यास नदी में बाढ़ से पुल गिरा, मनाली में सैकड़ों होटल व भवन खतरे में; पर्यटक फंसे
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।