मंडी में 96 नए खातों में 4.31 करोड़ जमा
नोटबंदी के बाद मंडी जिले में राज्य सहकारी बैंक में जनधन योजना के तहत खुले खातों में जमकर धन बरसा। आठ नवंबर से आठ दिसंबर के बीच ही ऐसे खातों में 4.31 करोड़ की राशि जमा हुई।
मंडी [हंसराज सैनी] : नोटबंदी के बाद मंडी जिले में राज्य सहकारी बैंक में जनधन योजना के तहत खुले खातों में जमकर धन बरसा। आठ नवंबर से आठ दिसंबर के बीच 30 दिन में ही बैंक के मंडी व सुंदरनगर मंडल में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 96 खाते खुले और इनमें 4.31 करोड़ की राशि जमा हुई। मंडी मंडल में 29 नए खातों में 2.34 करोड़ व सुंदरनगर मंडल में 67 खातों में 1.96 करोड़ जमा हुए।
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हैरानी की बात यह है कि नोटबंदी से पहले दोनों मंडलों में जनधन योजना के तहत 14896 खाते खुले थे। इनमें करीब 12.70 करोड़ रुपये जमा थे। मंडी मंडल में 8539 खातों में 6.47 करोड़ और सुंदरनगर मंडल के 6351 खातों में 6.22 करोड़ जमा हुआ था। नोटबंदी लागू होने के बाद हिमाचल ग्रामीण बैंक की 244 शाखाओं में बंद किए गए 500 व 1000 के 330 करोड़ रुपये जमा हुए। 10478 नए खाते खुले। इनमें करीब 24.50 करोड़ की राशि जमा हुई। आरबीआइ की तरफ से बैंक प्रबंधन को 120 करोड़ दिए गए। इसमें अधिकांश 2000 के नोट हैं।
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पंजाब नेशनल बैंक के मंडी मंडल में गैर संगठित क्षेत्र के मजदूरों के 250 खाते खोले गए। इसके लिए बैंक प्रबंधन ने 50 स्थानों पर शिविर लगाए। मंडी, कुल्लू व बिलासपुर जिला में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की 34 शाखाओं में 1300 नए खाते खुले है। कमोवेश इतने ही खाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं में खुले।
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नोटबंदी के बाद राज्य सहकारी बैंक के मंडी व सुंदरनगर मंडल में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत आठ दिसंबर तक 96 नए खाते खुले हैं। इसमें 4.31 करोड़ जमा हुए हैं।-केशव नायक निदेशक राज्य सहकारी बैक।
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हिमाचल ग्रामीण बैक में नोटबंदी के बाद 10478 नए खाते खुले। इनमें करीब 24.50 करोड़ जमा हुए हैं। बैक की शाखाओं में कैश की कोई कमी नही है। -सतीश चावला, अध्यक्ष हिमाचल ग्रामीण बैक।
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