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    Himachal News: EWS का फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर 14 आयुर्वेदिक डॉक्टर ने हथिया ली सरकारी नौकरी, धोखाधड़ी का केस दर्ज

    हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेदिक विभाग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ews) के फर्जी प्रमाणपत्रों को दिखाकर सरकारी नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी के जरिए नौकरी पाने वाले 14 आयुर्वेदिक डॉक्टर अब कानून के शिकंजे में हैं। इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

    By Jagran News Edited By: Suprabha Saxena Updated: Sun, 04 May 2025 06:14 PM (IST)
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    फर्जी दस्तावेज दिखाकर पा ली डॉक्टर की नौकरी

     जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेदिक विभाग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के फर्जी प्रमाणपत्रों का सहारा लेकर सरकारी नौकरी हासिल करने वाले 14 आयुर्वेदिक डॉक्टरअब कानून के शिकंजे में हैं। विजिलेंस जांच में सामने आया है कि इन डॉक्टरों ने झूठी आय और पात्रता की जानकारी देकर सरकारी व्यवस्था को चकमा दिया है।

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    कुछ ऐसे जो पहले से सेवा में कार्यरत

    कुछ तो ऐसे हैं जो पहले से ही सेवा में कार्यरत थे, फिर भी खुद को आर्थिक रूप से कमजोर साबित कर नौकरी हथिया ली। 2022 में हुई इस भर्ती मामले में अब शिकंजा कसा है। राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (विजिलेंस) ने अब इन डॉक्टरों के विरुद्ध मंडी, धर्मशाला, हमीरपुर और बिलासपुर में फर्जी दस्तावेज बनाने और धोखाधड़ी के केस दर्ज किए हैं।

    इससे जांच के दायरे में न केवल यह डॉक्टर, बल्कि फर्जी दस्तावेज जारी करने वाले अधिकारी भी आ गए हैं। पांच डॉक्टरों के विरुद्ध धर्मशाला, चार-चार के विरुद्ध मंडी और कांगड़ा तथा एक के विरुद्ध बिलासपुर में केस दर्ज हुआ है। प्रारंभिक जांच में इन 14 डाक्टरों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। इन डॉक्टरों की तैनाती 2022 में बैचवाइज आधार पर हुई थी। इनकी संपत्ति की जांच भी की जाएगी।

    शिकायत से खुला फर्जीवाड़े का मामला

    फर्जीवाड़े की शिकायत बैजनाथ निवासी श्वेता शर्मा ने की थी। शिकायत पुलिस अधीक्षक विजिलेंस धर्मशाला को 28 तथा मंडी को 30 अप्रैल को प्राप्त हुई थी। आयुर्वेद विभाग में 115 आयुर्वेदिक डॉक्टरों की भर्ती हुई थी। पहली अधिसूचना में 89 डॉक्टरकी नियुक्ति हुई थी।

    10 की पहली तथा दूसरी सूची में 26 में से चार की ईडब्ल्यूएस आधार पर नियुक्ति हुई थी। शिकायत के बाद जांच में पता चला कि 14 डॉक्टरों ने फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों का सहारा लिया है। इन आरोपितों ने केवल अपनी पारिवारिक आय को छिपाया, बल्कि कुछ ऐसे भी थे जो पहले से ही किसी अन्य सेवा में कार्यरत थे।

    यह सीधे तौर पर ईडब्ल्यूएस के पात्रता मापदंडों का उल्लंघन है क्योंकि यह लाभ केवल उन उम्मीदवारों को दिया जा सकता है जो सरकारी सेवा में नहीं हैं और जिनकी पारिवारिक आय निश्चित सीमा से कम है।

    मंडी में इन चार डाक्टरों के विरुद्ध दर्ज हुआ केस

    विजिलेंस थाना मंडी में डा. विनोद कुमार, डॉ. पुष्पराज, डॉ. भारतेंदु कुमार व डॉ. विवेक शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है। डॉ. विवेक शर्मा हमीरपुर जिले के हीरानगर व तीन अन्य आरोपित मंडी जिले के धर्मपुर, सराज के छतरी तथा करसोग उपमंडल के चुराग के रहने वाले हैं।

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