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    Himachal News: पर्यटन विभाग की शंका दूर, केवल पांगी घाटी के होम स्टे संचालकों को मिलेगा पंजीकरण शुल्क का लाभ

    हिमाचल प्रदेश में होम स्टे पंजीकरण शुल्क को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार पंजीकरण और नवीकरण शुल्क में छूट केवल पांगी घाटी में होम स्टे चलाने वालों के लिए है। अन्य क्षेत्रों के होम स्टे संचालकों को पूरा शुल्क देना होगा। सरकार होम स्टे नीति में संशोधन कर रही है और जल्द ही नई दरों की घोषणा हो सकती है।

    By Parkash Bhardwaj Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 04 May 2025 04:42 PM (IST)
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    पांगी घाटी के होम स्टे संचालकों को ही पंजीकरण शुल्क का लाभ।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो रहा था कि राज्य के सभी स्थानों के होम स्टे संचालकों को पंजीकरण शुल्क आधा चुकाना पड़ेगा। लेकिन सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की शंका को दूर दिया है।

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    हिमाचल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा होम स्टे संचालकों के संदर्भ में की गई पंजीकरण व नवीकरण शुल्क आधा करने संबंधी छूट केवल पांगी घाटी में होम स्टे चलाने वालों तक सीमित है।

    यानि पांगी घाटी में होम स्टे का पंजीकरण करवाने की स्थिति में छह हजार रुपये शुल्क चुकाना पड़ेगा और इसी तरह से नवीकरण शुल्क भी आधा रहेगा। सचिवालय में होम स्टे ड्राफ्ट-2025 संशोधित किया जा रहा है।

    ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से अधिकारियों को पंजीकरण व नवीकरण शुल्क दरें संशोधित करने के निर्देश दिए गए हैं। संभावना है कि दो दिवसीय मंत्रिमंडल बैठक में एक बार फिर से ड्राफ्ट चर्चा के लिए पेश हो सकता है।

    पंजीकरण शुल्क वृद्धि दरों को लेकर गुस्सा

    प्रति वर्ष 12 हजार रुपये वार्षिक पंजीकरण शुल्क को निम्न स्तर पर लाया जाए, वाणिज्यिक शुल्क न हो, नवीनीकरण प्रक्रिया सरल हो, 20 लाख प्रति वर्ष से कम टर्न ओवर वाले संचालकों के लिए जीएसटी पंजीकरण नहीं होना चाहिए। होम स्टे को बिजली-पानी घरेलू दरों पर पूर्ववर्ती रखा जाए।

    पुरानी नीति में होम स्टे का पंजीकरण शुल्क 100 रुपये 5 साल के लिए निर्धारित था। बीएंडबी के लिए 2 साल का शुल्क 3 हजार था। इसलिए पुरानी दरों को ध्यान में रखकर मामूली वृद्धि के साथ नए नियम निर्धारित किए जाएं।

    ड्राफ्ट की प्रस्तावित शुल्क दरें

    कमरों का पंजीकरण करवाने के लिए शुल्क निर्धारित किया गया। यदि किसी संचालक के पास कमरों की संख्या 4 से छह है तो उसे नगर निगम परिधि में 12 हजार रुपये और कमरों की संख्या 3 होने पर 8 हजार शुल्क चुकाना पड़ेगा।

    इसके अतिरिक्त टीसीपी, साडा, नगर परिषद, नगर पंचायत में शुल्क 5 हजार से 8 हजार रहेगा और पंचायत क्षेत्र में शुल्क 3 हजार से 6 हजार रहेगा। होम स्टे का नवीकरण करवाने की स्थित में शुल्क पंजीकरण शुल्क के समान ही होगा।

    होम स्टे योजना ग्रामीण विशुद्ध रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के रोजगार को सहायक बनाने के लिए लाई गई थी। इसकाे व्यवसायिक स्वरूप नहीं दिया जा सकता है। न ही सरकार होम स्टे नीति से राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित कर सकती है।

    यदि नई नीति तर्कसंगत नहीं आती है तो उसका खुला विरोध किया जाएगा।- तनुजा धांटा, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश होम स्टे एसोसिएशन।