IIT मंडी में आयोजित हुआ 11वां दीक्षा समारोह, 60 स्टूडेंट्स को PHD की उपाधि और 505 को मिली डिग्री; जानें कौन रहे मुख्य अतिथि
हिमाचल प्रदेश के मंडी में 11वां दीक्षा समारोह आयोजित हुआ है। बीटेक में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे उत्तर प्रदेश के नोएडा के आदित्य सरकार को शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में प्रथम रहने पर राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आदित्य सरकार अमेरिका में एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी जगह पिता आशीष सरकार ने डिग्री व पदक प्राप्त किया।

जागरण संवाददाता, मंडी। भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आइआइटी) मंडी के 11वें दीक्षा समारोह में 60 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि व 505 को बीटेक,एमटेक,एमए,एमएससी की डिग्री दी गई। बीटेक में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे उत्तर प्रदेश के नोएडा के आदित्य सरकार को शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में प्रथम रहने पर राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
आदित्य सरकार अमेरिका में एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी जगह पिता आशीष सरकार ने डिग्री व पदक प्राप्त किया। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले चंडीगढ़ के प्रीतिश चुघ को निदेशक और एमटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी रहे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के सुधांशु गंगवार को संस्थान स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
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इसके अलावा संस्थान के 22 अन्य विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। कार्यक्रम में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव एवं परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डा. अजीत कुमार मोहंती मुख्यअतिथि थे। आइआइटी के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने दीक्षा समोराह की अध्यक्षता की।
तनाव मुक्त, सीखने की प्रक्रिया और गुरुकुल की सीख को याद रखने का दिया मंत्र
डा. अजीत कुमार मोहंती ने विद्यार्थियों को तीन गुरु मंत्र दिए। पहला सीखने की प्रक्रिया,दूसरा तनाव रहित रहना और तीसरा गुरुकुल की परंपरा को हमेशा याद रखना। डा. मोहंती ने कहा कि स्नातक की पढ़ाई आसानी से नहीं होती है, लेकिन इस डिग्री को मिलने बाद अब अपने अगले लक्ष्य को ध्यान में रखें। जितना सीखेंगे उतना ही आप आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने इस दौरान गुरुकुल के शिक्षा प्रणाली का महत्व बताया और कहा कि नई शिक्षा पद्धति में इसे शामिल किया गया है। उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए शकूनी मामा को दूसरा मैनेजमेंट कंसल्टेंट बताया और पहला भगवान कृष्ण पको। एक के कारण महाभारत हुआ दूसरे के कारण रुका था। कार्बनडाइआक्साइड उत्सर्जन पर चिंता जताते हुए कहा कि केवल विज्ञान और तकनीक से इसे रोकना संभव है। शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वास्थ्य के अलावा ग्रीन एनर्जी आवश्यक है।
इन्होंने बढ़ाई दीक्षा समारोह की शोभा
दीक्षा समारोह में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद के प्रोफेसर आरपी सिंह, वरिष्ठ निदेशक, सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट इंडिया, बेंगलुरु के डा. बलविंदर सिंह, इंजीनियरिंग पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, पुणे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद वोरा, प्रधान अनुसंधान वैज्ञानिक, नेशनल इंस्टीट्यूट फार मैटेरियल्स साइंस (एनआइएमएस), त्सुकुबा, जापान के प्रो. अनिर्बान बंद्योपाध्याय ने शोभा बढाई। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
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इन विद्यार्थियों को मिली डिग्री व उपाधि
पीएचडी,60, एमएस (शोध) के10, एमए के 15 डिग्री और एमटेक के 112 विद्यार्थी।
ऊर्जा प्रणालियों में विशेषज्ञता के साथ मैकेनिकल
इंजीनियरिंग में 17 विद्यार्थियों को,संरचनागत इंजीनियरिंग 10, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्राइव में 08, सामग्री में विशेषज्ञता के साथ ऊर्जा इंजीनियरिंग में 14, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग 11, संचार और सिग्नल प्रोसेसिंग 18,द्रव और थर्मल इंजीनियरिंग 03,जैव प्रौद्योगिकी 17, वीएलएसआई में विशेषज्ञता के साथ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के 14 विद्यार्थियों को पद मिले।
एमएससी के 124 को मिली डिग्री
व्यावहारिक गणित 44, रसायन विज्ञान 45, भौतिक विज्ञान 35 विद्यार्थियों को डिग्री मिली।
बीटेक के 244 विद्यार्थियों को डिग्री
कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग 89, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 50, बायो इंजीनियरिंग 11, इंजीनियरिंग भौतिकी 17, डेटा साइंस 34, मैकेनिकल इंजीनियरिंग 23, सिविल इंजीनियरिंग 20 विद्यार्थियों को डिग्री मिली।
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