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    यहां तेजी से पैर पसार रहा है ये जानलेवा रोग, लोगों में डर का माहौल

    By Babita kashyapEdited By:
    Updated: Wed, 04 Sep 2019 08:21 AM (IST)

    कुल्‍लू में लगातार स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं स्क्रब टायफस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी आवश्यक प्रबंध किए हुए हैं।

    यहां तेजी से पैर पसार रहा है ये जानलेवा रोग, लोगों में डर का माहौल

    कुल्लू, जेएनएन। स्क्रब टायफस जिला के लोगाें को धीरे-धीरे जकड़ने लगा हैं। मंगलवार को इस बीमारी के दो मामले और सामने आए हैं। यह मामले भूंतर और जरी से संबंधित हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य जांच के लिए छह रोगी पहुंचे थे। इनमें दो मामले पॉजीटिव पाए गए। इससे पूर्व सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में पांच मामले चिह्नित किए गए। इनमें एक मरीज को आइजीएमसी शिमला रैफर किया गया है जबकि अन्य चार लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

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    कैसे फैलता है ये रोग

    लगातार स्क्रब टाइफस के मामले आने के बाद कुल्लू जिला के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। कुछ समय पूर्व आनी के दलाश में भी इस बीमारी का एक मामला सामने आया था। कुल्लू जिला में स्क्रब टायफस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में स्क्रब टायफस की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त किया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात में इस बीमारी  फैलने की आशंका रहती है। यह रोग संक्रमित पिस्सू (माईट) के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। यह जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टायफस बुखार पैदा करता है।

    डॉ. सुशील ने बताया कि कुल्लू जिला में अभी तक सात मरीज पॉजीटिव पाए गए हैं और इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर किसी रोगी को बहुत तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर में अकड़न, बाजुओं, गर्दन और कूल्हों में गिल्टियों जैसे लक्षण हैं तो यह स्क्रब टाइफस हो सकता है। रोगी को 104 से 105 डिग्री तक भी बुखार हो सकता है। 

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    कैसे करें बचाव

    रोगी को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना इलाज करवाना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में स्क्रब टाइफस की जांच और दवाइयां मुफ्त उपलब्ध हैं। बरसात मेंं व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ घर और आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिए। घास और झाड़ियां कटी हुई होनी चाहिए। घर के आसपास कीटनाशक का छिड़काव करवाएं। खेतों में जब काम करने जाए तो फुल बाजू के कपड़े, हाथों में दस्ताने और पैरों को पूरा ढकने वाले जूते पहनकर जाएं।

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