सौरभ हत्याकांड: कसोल में 6 दिन ठहरे थे मुस्कान-साहिल, पत्नी बताकर लिया था कमरा; खून से सने हाथ से खेली थी होली
सौरभ हत्याकांड के आरोपी मुस्कान और साहिल ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के कसोल में शरण ली थी। होली से पहले 11 मार्च को दोनों कसोल पहुंचे और छह दिन तक होटल पूर्णिमा में ठहरे। होली के दिन दोनों ने शराब पी और जमकर त्योहार मनाया। इसी होटल में मुस्कान ने अपने प्रेमी का जन्मदिन भी मनाया। लेकिन होटल से जल्दी बाहर नहीं निकलते थे।

संवाद सहयोगी, कुल्लू। खून से सने हाथों का रंग होली के रंग भी बदल न सके। उत्तर प्रदेश के मेरठ के बहुचर्चित सौरभ हत्याकांड के तार कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के पर्यटन स्थल कसोल से भी जुड़े हैं। सौरभ हत्याकांड के आरोपित मुस्कान व साहिल इस जघन्य अपराध के बाद हिमाचल आए थे और शिमला व कसोल में ठहरे थे।
होली से पहले 11 मार्च को मुस्कान और साहिल कसोल में स्थित होटल पूर्णिामा में आए। यहां ये लोग छह दिन तक ठहरे थे। होली के दिन कसोल में दोनों ने पहले शराब पी और उसके बाद सब कुछ भूल कर त्योहार मनाया। इसी होटल में मुस्कान ने अपने प्रेमी का जन्मदिन भी मनाया।
मांग में सिंदूर देख नहीं हुआ किसी को शक
सौरभ हत्याकांड की बात पूरे देश में फैली तो वह कहां-कहां घूमे और कहां कहां ठहरे थे, इसकी भी अब जांच शुरू हो गई। होटल संचालक अमन ने बताया कि साहिल ने होटल में कमरा लेने से पहले मुस्कान को पत्नी बताया था। मांग में सिंदूर देखकर उनको शक नहीं हुआ था।
इसके बाद वह छह दिन तक यहां पर ठहरे रहे और उनका व्यवहार भी कुछ अजीब था। यह जोड़ा होटल के कमरा नंबर 203 में ठहरा था और सफाई करने के लिए भी किसी को आने नहीं देते थे। उनके जाने के बाद ही कमरे की सफाई की गई।
हमेशा कमरे में ही रहते थे
बकौल अमन कसोल आने वाला पर्यटक बाहर घूमने निकलता है, लेकिन ये लोग ज्यादातर कमरे में ही बैठे रहते थे और ज्यादा बातचीत भी नहीं करते थे। सामान लाने के लिए भी वे कुछ देर के लिए होटल से बाहर निकलते थे।
शिमला में भी रुके थे साहिल और मुस्कान
बता दें कि मुस्कान और प्रेमी साहिल इससे पहले शिमला के एक निजी होटल में भी ठहरे थे। दोनों ने विक्ट्री टनल के समीप एक निजी होटल में कमरा बुक किया था। 5 मार्च की सुबह करीब साढ़े 8 से 9 बजे के बीच दोनों ने होटल में चेक इन किया और दो दिन यही थे। होटल की पेमेंट दोनों ने ऑनलाइन माध्यम से की और खाने का ऑर्डर व्हाट्सएप के माध्यम से किया था। कमरे में किसी को आने नहीं देते थे।
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