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    कुल्लू में इस साल आफत बनकर बरसी बारिश, 69 गांवों पर मंडरा रहा भूधंसाव का खतरा

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 01:04 PM (IST)

    कुल्लू जिले में भारी वर्षा के कारण 69 गांवों पर भूधंसाव का खतरा मंडरा रहा है। 2023 की आपदा के बाद हुए भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में खड़ी ढलानों पर सड़क निर्माण और वनों की कटाई को मुख्य कारण बताया गया है। बंजार में सबसे अधिक 24 गांवों को नुकसान हुआ है जिनमें बंदल गांव के 37 घर खतरे में हैं। प्रशासन द्वारा फिर से भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया जाएगा।

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    कुल्लू जिला के आनी के कोहिला में भूधं-साव से सरकारी भवन में आई दरारें

    दविंद्र ठाकुर, कुल्लू। इस बार वर्षा आफत बनकर बरसी है। जिला कुल्लू में 69 गांव ऐसे हैं, जहां भूधंसाव का खतरा बना हुआ है। वर्ष 2023 में भी आपदा से कई गांवों को खतरा पैदा हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया।

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    भू विज्ञानी वेनेइक्रो क्रोम की 2023 की रिपोर्ट में बताया है कि खड़ी ढलानों में सड़क निर्माण, वनों की कटाई, कृषि में बदलाव इसका मुख्य कारण रहा है। ऊपरी ढलान पर उचित जल निकासी व्यवस्था नहीं की गई है। वर्ष 2023 में बंदल, मशीन नाला, थाना सैंज से टैक्सी स्टैंड तक, सैंज, मरौड़, दाडूधार, करटाह व शरई में अधिक भूस्खलन हुआ था।

    वर्ष 2025 में फिर इन्हीं स्थानों पर भूस्खलन से अधिक नुकसान हुआ है। कुल्लू में 12, मनाली में पांच, निरमंड में 15, बंजार में 24, आनी में 13 गांवों को भूस्खलन से खतरा है। बंजार के 24 गांव में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बंदल गांव में 37 घरों को खतरा है, जिनमें से 28 खाली कर दिए हैं। पूरा गांव खतरे की जद में आ गया है। पुश्तों से यहां पर लोग रह रहे हैं, लेकिन अब उन्हें विस्थापित होने का दंश झेलना पड़ेगा। गांव में एक भी मकान रहने लायक नहीं रहा है। पूरा पहाड़ खिसक गया है। अब दोबारा प्रशासन की ओर से भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया जाएगा।

    इन गांवों को भूस्खलन से खतरा

    कुल्लू के बागन, डली, कटराईं, दवाड़ा, छरूडू, रामशिला, लंकाबेकर, दरमोट, पीणी, तलपीणी, पनोगी, पद्धर, मनाली के परशा, क्लाथ, सोलंग, समाहण व चचोगा गांव को भूस्खलन से खतरा है। बंजार में ये गांव खतरे की जद में बंजार के शराई, बंदल, कोटलाधार, बरडा, छेत, हुरणगाड, बगश्याड, नेउली, धारा, धारा-दो, कोशुनाली, रूपाजानी, शरची, पेखड़ी, गुरशाला, टिंचा, मशीनानाला, सारी, खनीनी, जुही, सडौन, काथीयार गांव।

    आनी और निरमंड के इन गांवों में हुआ भूस्खलन

    आनी के शमदी, गुहाणा, शाई, झेड, बंशीरा, खादवी, जौह, जटेहड, डगसारी, धारली, बालू, कोट, बानीगाड, निरमंड के डुगवी, कतमोर , कुटली, थारधार, नौणी, बड़ीलांज, खाजोनी, हाट, सरकोटी, कुड, काफटी, कुईरीनिनथा, लांज, बडीलेहाल व छरानी गांव।