हिमाचल का जवान देश के लिए बलिदान, बुजुर्ग माता-पिता का सहारा छिना; मासूम बिटिया अब किस बोलेगी पापा
हिमाचल प्रदेश का एक जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। जवान अपने बूढ़े माता-पिता का एकमात्र सहारा था, जिनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद जवान की एक छोटी बेटी है, जो अब अपने पिता को पुकारने के लिए व्याकुल है। पूरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है।

मनाली के शिरढ़ निवासी सेना के जवान इंद्र सिंह का फाइल फोटो व विदाई देते सैनिक।
जागरण टीम, मनाली। हिमाचल प्रदेश का जवान देश के लिए बलिदान हो गया है। जिला कुल्लू के मनाली के शिरढ़ क्षेत्र के रहने वाले जवान इंद्र सिंह हिसार में तैनात थे, तीन-चार दिन पहले ही वह महाराष्ट्र से हिसार ट्रांसफर हुए थे।
बताया जा रहा है सैनिक को हृदयाघात हुआ है। कुछ दिन पहले हिसार में ज्वाइनिंग दी थी। इस बीच अचानक उनके निधन की सूचना से परिवार सदमे में है। परिवार के सदस्य खुश थे कि वह अब घर से नजदीक आ गए हैं। लेकिन अचानक निधन की सूचना ने परिवार को तोड़ दिया है।
दो बहनों के इकलौते भाई थे इंद्र सिंह
इंद्र सिंह की उम्र 37 साल की थी, उनकी एक बेटी भी है और दो बहने हैं। उनके पिता तुलसी राम वन विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और माता गृहणी हैं।
पत्नी और बेटी रो-रोकर बेहाल
पत्नी और बेटी का रो रोकर बुरा हाल है। मासूम के सिर से पिता का साा उठ गया है। वहीं पत्नी इस उम्र में विधवा हो गई। माता-पिता भी सदमे में हैं। बुजुर्ग माता पिता का इकलौता सहारा छिन गया है। इंद्र सिंह उनका इकलौता बेटा था।
पार्थिव देह पहुंचते ही बिलख उठे स्वजन
पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही शोक का माहौल व्याप्त हो गया। सैन्य सम्मान के साथ उनका विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। स्थानीय प्रशासन एवं ग्रामीण बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन के लिए एकत्रित हुए।
गांव के सैनिक बेटे की शहादत से हर कोई स्तब्ध है। सैनिक की अंतिम यात्रा में शामिल हर शख्स की आंख नम थी।
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