हिमाचल में गजब रही विंटर सीजन की शुरुआत, 4 महीने बाद पर्यटकों से गुलजार हुआ रोहतांग; होटलों में भी भारी छूट का ऑफर
मनाली में विंटर सीजन की रौनक लौट आई है। सोमवार को रोहतांग दर्रे में 502 वाहनों में लगभग पांच हजार पर्यटक पहुंचे। होटलों में ऑक्यूपेंसी 45 प्रतिशत से अधिक हो गई है। पर्यटकों को निजी और पर्यटन निगम के होटलों में 20 से 40 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इस सप्ताहांत में पर्यटकों की आमद अच्छी रही है।
जागरण संवाददाता, मनाली। पर्यटन नगरी मनाली में धीरे-धीरे विंटर सीजन गति पकड़ने लगा है। अरसे बाद सोमवार को रोहतांग दर्रे में 502 वाहनों में लगभग पांच हजार पर्यटक रोहतांग पहुंचे। होटलों में भी ऑक्यूपेंसी 45 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
इन दिनों मनाली आने वाले पर्यटकों को निजी व पर्यटन निगम के होटलों में 20 से 40 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। तीन दिन के भीतर रोहतांग पहुंचने वाले पर्यटक वाहनों का आंकड़ा डेढ़ हजार के पार हो गया है।
कारोबारियों को हो रहा फायदा
लाहुल के पर्यटक स्थल सिस्सू व कोकसर में भी रौनक लौट आई है। सोमवार को बाहरी राज्यों से लगभग 55 लग्जरी बसें मनाली पहुंची है। इस सप्ताहांत में पर्यटकों की आमद अच्छी रही है। पर्यटकों की आमद बढ़ने से होटलों में भी ऑक्यूपेंसी 45 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
पर्यटन कारोबारी राकेश, सुरेश, रमन व चमन ने बताया कि हालांकि सप्ताहांत के चलते भीड़ अधिक रही, लेकिन अब विंटर सीजन भी गति पकड़ने लगा है। सभी का कारोबार बेहतर चल पड़ा है।
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दीपावली के अवसर पर फीका रहा था कारोबार
हॉलीडे कोटेज एंड स्पा के एमडी रोशन ठाकुर व जन्नत होटल के एमडी इंद्र ठाकुर ने बताया कि इस सप्ताहांत में कारोबार बेहतर रहा है। दीपावली पर्व में कारोबार फीका रहने से उन्हें निराशा हुई है। विंटर सीजन गति पकड़ने लगा है जिससे काम की उम्मीद बंधी है।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी कुल्लू सुनयना शर्मा ने बताया कि लंबे समय के बाद सोमवार को रोहतांग के लिए आन लाइन 502 परमिट बुक हुए हैं। जिले के सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए बहाल हैं।
इन पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मांग
वहीं, एक दूसरी खबर की बात करें तो, जिला कांगड़ा की छोटा भंगाल घाटी व जिला मंडी की चौहार घाटी को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए लोगों ने आवाज बुलंद की है। स्थानीय लोगों श्रीपत, महेश्वर, धर्मेंद्र कुमार, सरीना, बीना, ममता, गोपाल, रोशन लाल, राजकुमार व प्रकाश चंद आदि ने कहा कि सरकार ने आज तक दोनों घाटियों को पर्यटन के मानचित्र पर नहीं दर्शाया है।
छोटा भंगाल घाटी में पनिहारटू, पलाचक, घोड़लेटणू, राजगुंधा, राजाओं के समय निर्मित फुतकी व टीकागढ़ और चनैई रा पद्धर तथा चौहार घाटी में झटिंगरी, फूलाधार व नालदेहरा जहां देव पशाकोट का मंदिर स्थापित है। उन्होंने सरकार से दोनों घाटियों को पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग उठाई है।
पर्यटकों की आमद से बढ़ेगी रोजगार
इससे यहां पर पर्यटकों की आमद बढ़ेगी व स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने से उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि बरोट में पंचवटी पार्क, जीरो प्वाइंट, कोठी कोहड़, लोआई के समीप व चौहार घाटी के लपास में प्राकृतिक झरने, पंजाब राज्य बिजली बोर्ड की ओर से निर्मित प्राकृतिक फब्बारा, पानी के दो जलाशय, थल्टूखोड़, सुधार व मियोट सुंदर स्थल हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं।
विधायक किशोरी लाल भी विधानसभा सत्र के दौरान दोनों घाटियों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की सिफारिश करते रहे हैं।
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