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    Himachal Rain Video: कहीं ढहा पुल तो कहीं मंदिर हुआ जलमग्न, हिमाचल में भारी बारिश से मचा कोहराम

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Sun, 09 Jul 2023 07:09 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है। बारिश से अबतक छह लोगों की मौत हो चुकी है। ब्यास नदी भी ऊफान पर पहुंच चुकी है। खराब मौसम के बाद शिमला-कालका मा ...और पढ़ें

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    कहीं ढहा पुल तो कहीं मंदिर हुआ जलमग्न, हिमाचल में भारी बारिश से मचा कोहराम

    कु्ल्लू, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है। बारिश से अबतक छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्यास नदी भी ऊफान पर पहुंच चुकी है। प्रदेश में खराब मौसम के बाद शिमला-कालका मार्ग पर सभी ट्रेनें निलंबित कर दी गई हैं। ब्यास नदी में उफान के कारण मंडी का पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूब गया है। ब्यास नदी में पानी की आवक के सभी रिकार्ड टूट गए हैं।

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    ब्‍यास नदी में फंसे छह लोग

    1995 का रिकॉर्ड भी धराशायी हो गया है। 1,94 लाख क्यूसेक तक पानी की आवक पहुंची। एक घंटे में दो लाख क्यूसेक का आकंड़ा पार होने की उम्मीद है। नगवाईं के बेकर में ब्‍यास नदी में छह लोग फंसे हुए हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मौके पर बुलाई गई है। वायु सेना से भी मदद मांगी गई। 100 मीटर स्‍पैन होने की वजह से फंसे लोगों तक रस्‍सी के सहारे भी पहुंचना मुश्किल है।

    बाढ़ में कई कारें बह गईं

    लारजी पावर हाउस में करोड़ों का नुकसान हुआ है। अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। वहीं, बिजली बोर्ड के 126 मेगावाट क्षमता के लारजी प्रोजेक्‍ट में पानी भर गया है। प्रोजेक्‍ट की सभी चार मंजिल पानी से भरी हुई है। बारिश से टरबाइन व उपकरणों को भारी नुकसान हुआ है। रात 11 बजे ही बिजली उत्‍पादन बंद कर दिया गया था।

    मरम्मत कार्य में लगेगा कई माह का समय

    प्रोजेक्ट में नुकसान का आकलन व मरम्मत कार्य में कई माह का समय लगेगा। बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता संजय कौशल ने इस बात की पुष्टि की है। वहीं, कुल्लू के कसोल इलाके में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में कई कारें बह गईं।

    एक-एक करके बह रही गाड़ियां

    थाना औट के थलौट परिसर में खड़ी जब्‍त गाड़ियां तिनके की तरह ब्‍यास के तेज बहाव में एक-एक करके बह रही हैं।

    वहीं ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल तक ब्यास नदी का पानी पहुंच गया। कोटली से जोगिंदर नगर को जोड़ने वाला एक मात्र (कून का तर पुल ) व्यास नदी के तेज बहाव में बह गया है।