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    Himachal Pradesh News: अनाज मंडियों में पहुंचने लगी गेहूं, चार दिवारी व सुरक्षा व्यवस्था न होने से किसान परेशान

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 06:16 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में गेहूं की फसल मंडियों में पहुंचने लगी है। लेकिन रियाली और मिलवां अनाज मंडियों में चारदीवारी और सुरक्षा व्यवस्था न होने से किसान परेशान हैं। बेसहारा पशु फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को इस बार 2425 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं के दाम मिलेंगे। मंडी समिति जल्द ही चारदीवारी लगवाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

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    अनाज मंडियों में पहुंचने लगी है गेहूं (फाइल फोटो)

    संवाद सूत्र, बडूखर। जिला कांगड़ा में अब गेहूं पककर तैयार होकर चुकी है। किसानों की गेहूं की फसल की खरीद को लेकर खाद्य आर्पूति विभाग द्वारा चार मंडियों की स्थापना की गई है। जिनमें से रियाली, मिलवां, फतेहपुर व नगरोटा बगवां अनाज मंडी शामिल है।

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    आठ अप्रैल से शुरू हुई खरीद को लेकर अभी रियाली व मिलवां अनाज मंडी में ही गेहूं पहुंचना शुरू हुई है। लेकिन इन दोनों मंडियों में किसान चार दिवारी, शेड व सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण परेशान हैं। इन मंडियों में चार दिवारी न होने के कारण बेसहारा पशु किसानों की लाई गई फसल को चट कर जाते हैं।

    ऐसे में उनकी मुश्किलें बरकरार हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत रियाली अनाज मंडी में है क्योंकि यह एक बड़ी अनाज मंडी भी है। हालांकि कुछ दिन पहले कृषि उपज मंडी समिति के सचिव द्वारा यहां पर दौरा कर स्थिति का जायजा लिया गया था। इस बार किसानों को गेहूं के दाम 2425 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिलेंगे। मंडियों में गेहूं की आमद की बात करें तो रियाली अनाज मंडी में अभी तक 1243.50 क्विंटल की गेहूं की खरीद की जा चुकी है।

    क्या कहते हैं किसान भाई

    अमृतवीर हुनंदल ने बताया कि हमने लगभग नौ सौ क्विंटल गेहूं को रियाली अनाज मंडी में बेचा है। हम पिछले दो सीजन से सरकारी अनाज मंडी का लाभ ले रहे हैं। सरकार व विभाग को चाहिए कि यहां पर आने वाले किसानों को उचित सुविधाएं भी मिलें ताकि उन्हें परेशानी न झेलनी पडे़।

    कुलभूषण कहते हैं कि हम अपने एरिया की मंडी का लाभ ले रहे हैं । अब हम पंजाब में अपनी फसल नहीं भेजते हैं। लेकिन जिला कांगड़ा में मंडियों को और विकसित करना चाहिए। सरकार को मंडियों की तरफ से ध्यान देना चाहिए क्योंकि अभी तक इसका काम अधूरा है।

    सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठाए जाएं कदम

    रामजी ने बताया कि मंडियों में सबसे बड़ी दिक्कत चार दिवारी का न होना है। दिन में तो किसान मंडी में लाई गई फसल का पहरा कर लेते हैं लेकिन रात को बेसहारा पशु उनकी फसल को चट कर जाते हैं। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कदम उठाए जाने चाहिए।

    जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि 8 अप्रैल से गेहूं की खरीद के लिए मंडियां खोल दी गई हैं। पिछले दो दिन से ही किसान अपनी फसल मंडियों में लाने लगे हैं। अनाज मंडी रियाली में मात्र दो दिन में 1243 .50 क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। इसके साथ ही अनाज मंडी मिलवां में भी किसानों ने दस्तक दी है लेकिन अभी तक खरीद कोई ज्यादा नहीं है।

    जल्द लगाई जाएगी चार दिवारी, टेंडर प्रक्रिया हुई शुरू

    कृषि उपज मंडी समिति कांगड़ा के अध्यक्ष निशू मोंगरा कहते हैं कि मंडियों में चार दिवारी न होने की समस्या ध्यान में है। किसानों को मंडियों में बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए कुछ दिन पहले ही व्यवस्थाओं की जांच की गई थी। पहले चरण में रियाली मंडी में चार दिवारी लगवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शीघ्र ही चार दिवारी लगाई जाएगी।

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