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Kangra News: हिमाचल की ऐसी पंचायत जहां आज तक कोई नेता नहीं पहुंचा वोट मांगने, जानिए आखिर क्‍या है इसकी वजह

Kangra News हिमाचल के कांगड़ा में एक ऐसी पंचायत है जहां आज तक कोई भी वोट मांगने नहीं गया है। यहां न लोकसभा चुनाव और न ही विधानसभा चुनाव के दौरान कोई नेता वोट मांगने पहुंचा। इस पंचायत में 450 मतदाता हैं और आबादी लगभग 650 है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार यहां मतदान केंद्र बना था।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Mon, 29 Apr 2024 02:31 PM (IST)
Kangra News: हिमाचल की ऐसी पंचायत जहां आज तक कोई नेता नहीं पहुंचा वोट मांगने, जानिए आखिर क्‍या है इसकी वजह
हिमाचल की ऐसी पंचायत जहां आज तक कोई नेता नहीं पहुंचा वोट मांगने

मुनीष दीक्षित, बैजनाथ। Lok Sabha Chunav 2024: हर नेता चाहता है कि वह मतदान से पूर्व प्रचार के दौरान अपने पूरे क्षेत्र को कवर कर हर मतदाता से मिले और अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करे। लेकिन हिमाचल के कांगड़ा जिले में एक पंचायत ऐसी भी है, जहां तक आज तक एक भी नेता न लोकसभा चुनाव और न विधानसभा चुनाव के दौरान वोट मांगने पहुंचा है। इस पंचायत में 450 मतदाता हैं और आबादी लगभग 650 है।

नहीं गया कोई वोट मांगने

बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र की बड़ा भंगाल पंचायत में आज तक के इतिहास में कभी कोई नेता वोट मांगने नहीं गया। इसका कारण यहां के मतदाताओं के प्रति कोई रोष या भेदभाव नहीं, बल्कि पंचायत की दुर्गम परिस्थितियां हैं। पंचायत तक पहुंचने के लिए तीन दिन का पैदल रास्ता है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार यहां मतदान केंद्र बना। पहले क्षेत्र के लोगों को लगभग 78 किलोमीटर दूर बीड़ में वोट देना पड़ता था।

समुद्रतल से 2882 मीटर की ऊंचाई पर है पंचायत

इस कारण अधिकतर मतदाता अपना वोट नहीं दे पाते थे। वर्ष 2009 के चुनाव में विभाग ने अपनी टीम को हेलीकाप्टर की माध्यम से बड़ा भंगाल भेजा। समुद्रतल से 2882 मीटर की ऊंचाई पर बसी इस पंचायत तक पहुंचने के लिए 4700 मीटर ऊंचे थमसर पास को पार करना पड़ता है या जिला चंबा से होकर रावी नदी के किनारे बने कठिन रास्ते से पहुंचना पड़ता है।

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सर्दियों में यह पंचायत लगभग छह माह के लिए शेष विश्व से कट जाती है। उस दौरान यहां के अधिकतर लोग बीड़ रहने आ जाते हैं। पंचायत में दो साल पहले सोलर लाइट के माध्यम से लोगों की रातें रोशन हुई। हालांकि यहां एक पावर हाउस भी था लेकिन वह काफी साल से खराब है। संपर्क का एकमात्रा साधन सेटलाइट फोन है। यह फोन भी सोलर लाइट के सहारे चलता है।

2011 में प्रेम कुमार धूमल पहुंचे थे भंगाल

बड़ा भंगाल पंचायत में पहली बार वर्ष 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तत्कालीन वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर के प्रयास से हेलीकाप्टर के माध्यम से बड़ा भंगाल पहुंचे और लोगों को संबोधित किया था। इसके बाद 2018 में पहली बार बैजनाथ के तत्कालीन विधायक मुल्ख राज प्रेमी ने बड़ा भंगाल का हेलीकाप्टर के माध्यम से दौरा किया था। हालांकि मतदान के समय प्रचार करने आज तक कोई नेता वहां नहीं पहुंचा है।

कभी ऐसा नहीं हुआ कि विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव के समय कोई नेता वोट मांगने बड़ा भंगाल पहुंचा हो। - चुनी लाल भंगालिया पूर्व प्रधान, बड़ा भंगाल।

इस पंचायत में विधानसभा या लोकसभा चुनाव में प्रचार करने कोई नहीं पहुंचे पाया। इसका कारण एक तो आबादी कम है और दूसरा यहां पर पहुंच पाना काफी कठिन है। 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री धूमल और 2018 में तत्कालीन विधायक मुल्ख राज प्रेमी ने जरूर दौरा किया था। - मनसा राम भंगालिया, पंचायत प्रधान बड़ा भंगाल।

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