Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टांडा अस्पताल प्रबंधन बोला, पालमपुर के मरीज को नहीं किया गया था मृत घोषित; अपनी मर्जी से घर लेकर गए परिजन

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 03:05 PM (IST)

    टांडा अस्पताल प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि पालमपुर के मरीज को उन्होंने मृत घोषित नहीं किया था। मरीज के परिजन अपनी मर्जी से उसे घर ले गए थे, और उस समय ...और पढ़ें

    Hero Image

    डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा का परिसर। जागरण आर्काइव

    संवाद सहयोगी, कांगड़ा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में एक व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने के बाद घर में उसके आंखें खोलने के मामले में प्रबंधन का पक्ष आया है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पालमपुर के मरीज को उसके परिजन स्वेच्छा से घर ले गए।
    उस समय मरीज जीवित था और अस्पताल प्रशासन ने न तो इस मरीज को मृत घोषित किया और न ही इस बाबत कोई मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया।

    संस्थान के प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने बयान जारी कर बताया इस मामले में ऐसा कुछ घटित नहीं हुआ है। उन्होंने बताया टांडा में दाखिल मरीज की हालत काफी चिंताजनक थी और उसके साथ आए परिजनों ने अस्पताल से यह कहकर छुट्टी ले ली थी कि हम मरीज की देखभाल घर में ही करेंगे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अस्पताल प्रबंधन का दावा, लिखकर दिया

    अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बाकायदा मरीज की बेटी ने संस्थान को इस संबंध में लिखकर दिया था। परिजन जब मरीज को लेकर पालमपुर गए तब मरीज की हालत काफी चिंताजनक थी और उस समय वह जीवित थे।

    मरीज मृत होता तो अस्पताल मृत्यु प्रमाणपत्र देता 

    अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज अगर टांडा में मृत हो जाता तो संस्थान द्वारा बाकायदा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जबकि इस मामले में ऐसा कोई भी प्रमाण पत्र संस्थान द्वारा जारी नहीं किया गया है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: अस्पताल में मृत घोषित कर दिया व्यक्ति, घर पहुंचते ही खोल दी आंखें; पानी पीकर इशारों में बातें भी की

    यह भी पढ़ें: हिमाचल में गजब मामला: जिसे परिवार मान चुका था मृत, 15 साल बाद सकुशल घर लौटा पूर्व सैनिक; ...नहीं मिले पत्नी और बेटा