टांडा अस्पताल प्रबंधन बोला, पालमपुर के मरीज को नहीं किया गया था मृत घोषित; अपनी मर्जी से घर लेकर गए परिजन
टांडा अस्पताल प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि पालमपुर के मरीज को उन्होंने मृत घोषित नहीं किया था। मरीज के परिजन अपनी मर्जी से उसे घर ले गए थे, और उस समय ...और पढ़ें

डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा का परिसर। जागरण आर्काइव
संवाद सहयोगी, कांगड़ा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में एक व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने के बाद घर में उसके आंखें खोलने के मामले में प्रबंधन का पक्ष आया है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पालमपुर के मरीज को उसके परिजन स्वेच्छा से घर ले गए।
उस समय मरीज जीवित था और अस्पताल प्रशासन ने न तो इस मरीज को मृत घोषित किया और न ही इस बाबत कोई मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया।
संस्थान के प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने बयान जारी कर बताया इस मामले में ऐसा कुछ घटित नहीं हुआ है। उन्होंने बताया टांडा में दाखिल मरीज की हालत काफी चिंताजनक थी और उसके साथ आए परिजनों ने अस्पताल से यह कहकर छुट्टी ले ली थी कि हम मरीज की देखभाल घर में ही करेंगे।
अस्पताल प्रबंधन का दावा, लिखकर दिया
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बाकायदा मरीज की बेटी ने संस्थान को इस संबंध में लिखकर दिया था। परिजन जब मरीज को लेकर पालमपुर गए तब मरीज की हालत काफी चिंताजनक थी और उस समय वह जीवित थे।
मरीज मृत होता तो अस्पताल मृत्यु प्रमाणपत्र देता
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज अगर टांडा में मृत हो जाता तो संस्थान द्वारा बाकायदा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जबकि इस मामले में ऐसा कोई भी प्रमाण पत्र संस्थान द्वारा जारी नहीं किया गया है।

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