Snow Marathon: पहाड़ पर माइनस तापमान में फूलने लगी थी सांसें, बर्फ पर दौड़े धावकों ने बताए अनुभव
Snow Marathon 2022 हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में पहली बार स्नो मैराथन का सफल आयोजन किया गया। बर्फ पर दौड़ते हुए धावकों की सांसे फूलने लगी थीं। दस हजार फीट की ऊंचाई पर माइनस पांच डिग्री तापमान में दौड़ना हर किसी के लिए नया अनुभव था।
लाहुल स्पीति, जसवंत ठाकुर। Snow Marathon 2022, लाहुल स्पीति के सिस्सू में आयोजित देश की पहली स्नो मैराथन में चुनौतियां भी कम नहीं रहीं। सुबह के समय जब मैराथन शुरू हुई तो तापमान माइनस पांच डिग्री था जो खून जमा रहा था। लेकिन जैसे जैसे सिस्सू में धूप खिली तो ठंड से कुछ राहत मिली। लेकिन दो तीन घंटे बाद नौ बजे धूप निकलते ही दिक्कत बढ़ गई। बर्फ में पांव धंसने लगे। आयोजन समिति ने मैराथन के लिए ट्रैक का चुनाव बेहतर तरीके से किया था। सिस्सू के भीतर ही दस किलोमीटर के ट्रैक में चार राउंड पूरे किए। दस हजार फीट की ऊंचाई और माइनस पांच डिग्री सेल्सियस तापमान में दौड़ लगाना आसान नहीं था।
धावकों की सांस फूलने लगी थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मैराथन को पूरा किया। कर्नाटक के रहने वाले शाश्वत ने फुल मैराथन 42 किलोमीटर की दौड़ जीती। वह काफी समय से मनाली में रहते हैं। इस कारण पहाड़ों की जलवायु को अच्छे से समझ गए हैं।
देश भर के मैदानी राज्यों से मैराथन में भाग लेने आए प्रतिभगियों के लिए यह कड़ी परीक्षा रही। प्रतिभागी शाश्वत, प्रीति, मनोज व कर्नल नरेश ने बताया कि हालांकि वे बहुत सी मैराथन में भाग ले चुके हैं। लेकिन स्नो मैराथन में भाग लेना उनके लिए अलग सा अनुभव रहा है। उन्होंने कहा कि सुबह के समय खून जमा देने वाली ठंड थी। धूप निकलने के बाद ठंड से राहत तो मिली लेकिन बर्फ के नर्म हो जाने से दौड़ने में दिक्कत हुई। उन्होंने बताया कि स्नो मैराथन में उन्हें अलग सा अनुभव मिला है। सांस अधिक फूल रही थी लेकिन हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने इस मैराथन में खूब आनंद लिया। धावकों ने आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया।
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