शांता कुमार की पत्नी होने के साथ एक लेखिका के रूप में भी अलग पहचान रखती थीं संतोष शैलजा, जानिए
Shanta Kumar Wife Passed Away संतोष शैलजा सिर्फ वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार की पत्नी ही नहीं बल्कि अध्यापिका व लेखिका के रूप में अलग पहचान रखती थीं। उन्होंने कई पुस्तकें व उपन्यास भी लिखे। संतोष शैलजा का जन्म 14 अप्रैल 1937 को अमृतसर पंजाब में हुअा।
धर्मशाला, जेएनएन। संतोष शैलजा सिर्फ वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार की पत्नी ही नहीं, बल्कि अध्यापिका व लेखिका के रूप में अलग पहचान रखती थीं। उन्होंने कई पुस्तकें व उपन्यास भी लिखे। संतोष शैलजा का जन्म 14 अप्रैल 1937 को अमृतसर पंजाब में हुअा। उन्होंने वहां पर अपनी दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उनके अभिभावक दिल्ली अा गए। यहां पर संतोष शैलजा ने अपनी बीए व एमए हिंदी पूरी की। इसके बाद उन्होंने बीएड पूरी की अौर राजकीय उच्च विद्यालय दिल्ली में ही अध्यापक के तौर पर सेवाएं देना शुरू कर दिया। इसी दौरान उनका विवाह वर्ष 1964 में शांता कुमार के साथ हो गया। वह पालमपुर में रहने लगी। यहां पर उन्हें तीन पुत्रियां व एक पुत्र हुअा। लेकिन उन्होंने अपने लेखन व पठन पाठन कार्य को जारी रखा।
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पंचजन्य में पहली कहानी खूब सराही
संतोष शैलजा की बतौर लेखक पहली कहानी पंचजन्य में काफी सराही गई। इसके बाद उन्होंने नियमित तौर पर साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग व सारिका के लिए भी लिखा। दिल्ली की पत्र पत्रिकाओं में भी उनकी काफी कहानियां प्रकाशित हुईं
लिखने का सफर शुरू हुअा तो चलता ही रहा
1966 में जौहर के अक्षर कहानी संग्रह के बाद तीन उपन्यास कनकछड़ी, अंगारों में फूल, सुन मुटियारे व पांच कहानी संग्रह ज्योतिर्मयी, टाहलियां, मेरी प्रतिनिध कहानियां, हिमालय की लोक गाथाएं, जौहर के अक्षर, दो कविता संग्रह अो प्रवासी मीत मेरे, कुहुक कोयलिया की प्रकाशित हुए हैं। इनमें अो प्रवासी मीत मेरे व ज्योतिर्मयी में पति-पत्नी दोनों की रचनाएं हैं।
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