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    Himachal: फलों से लदे सेब के पेड़ काटने पर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का छलका दर्द, सुक्खू सरकार को दी खास सलाह

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 03:41 PM (IST)

    Shanta Kumar पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने हिमाचल सरकार से वन भूमि पर लगे सेब के बगीचों को काटने के बजाय उन्हें अपने कब्जे में लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते समय मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने वृक्षों को काटने से होने वाले नुकसान और जीव हत्या के पाप की भी बात कही।

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    शिमला में अवैध रूप से लगाए सेब के पेड़ों को काटते कर्मचारी व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार।

    संवाद सहयोगी, पालमपुर। Shanta Kumar, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर वन भूमि पर नाजायज कब्जा करके सेब के बगीचे लगाने वालों के विरूद्ध सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है। इस संबंध में मुझे कई जगह से फोन पर लोगों ने बात की। सैकड़ों स्थानों पर इस कार्रवाई से लोग बहुत परेशान हैं। उन्होंने कहा कि आज से कई साल पहले नाजायज कब्जा हुआ।

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    कब्जा करने वाले और कब्जा करवाने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी आज इस दुनिया में नहीं हैं। एक जगह से 85 साल की एक बुजुर्ग महिला, जिस मकान में रह रही है, सरकार ने उसे उस मकान से बाहर निकालकर मकान में ताला लगा दिया है। ऐसे मामले में सरकार को मानवीय दृष्टिकोण से सोचना चाहिए। वह कब्जा करने वाले और कब्जा करवाने वाले आज इस दुनिया में नहीं है, उस बुजुर्ग महिला का एक ही कसूर है, यह कब्जा करने वाले किसी की मां या दादी है।

    यह वृक्ष स्वयं नहीं लगे, इनका क्या कसूर

    ऐसे मामले में मानवीय दृष्टिकोण से उस मकान को या तो लेना नहीं चाहिए या उसके रहने का प्रबंध करना चाहिए। शांता कुमार ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हिमाचल प्रदेश में वन भूमि पर इस प्रकार बहुत अधिक अवैध कब्जे हैं। सेब के बगीचे लगे हैं, कब्जा लोगों ने किया और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने चांदी के चंद ठीकरों में बिक कर कब्जा होने दिया। लेकिन आज हरे भरे सेब लगे हुए बगीचों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है, ये वृक्ष स्वयं नहीं लगे, बल्कि लगाये गये थे। इन वृक्षों का तो कोई कसूर नही।

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    सरकार पर जीव हत्या का भी पाप लग रहा

    भारत के प्रसिद्ध विज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस ने यह सिद्ध किया था कि वृक्षों में भी जान और जीवन होता है। पूरे हिमाचल में ऐसे वृक्षों को काटकर लाखों करोड़ों रुपये का नुकसान ही नही हो रहा है। सरकार पर जीव हत्या का पाप भी लग रहा है।

    काटने के बजाय अपने कब्जे में ले सरकार, वन विभाग संभाले

    उन्होंने सरकार से मांग की है कि वन भूमि पर लगे सेब के बगीचों को काटने के बजाय सरकार अपने कब्जे में ले लें। वन विभाग इन बगीचों को संभाले। इस प्रकार हजारों करोड़ों रुपए के हरे भरे सेब के पौधे बच जाएंगे और वन विभाग की आय का एक बहुत बड़ा साधन बन जाएगा। अवैध कब्जा करने वालों को सजा भी मिल जाएगी और वन विभाग भी लगे लगाये सेब बगीचों का मालिक बन जाएगा। शांता कुमार ने मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया है कि इस सुझाव को स्वीकार करें।

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