कांगड़ा में पौंग बांध का जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस, नुकसान का आकलन शुरू
पौंग बांध का जलस्तर घटने से लोगों को राहत मिली है। बारिश कम होने से जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। पहले जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था जिससे निचले इलाकों में चिंता बढ़ गई थी। प्रशासन और बीबीएमबी की सतर्कता से हालात बेहतर हुए हैं। पौंग बांध से छोड़े गए पानी से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

संवाद सहयोगी, फतेहपुर। पिछले करीब दो माह से पौंग बांध के मेन गेट खोले हुए थे और बांध का पानी 52 गेट से ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा था। लेकिन अब बारिश कम होने से पौंग बांध के पानी से राहत मिलने लगी है। धीरे- धीरे पौंग का जल स्तर कम हो रहा है, बुधवार सांय पौंग जल स्तर 1390.87 फीट पर रहा।
पिछले दिनों दो बार खतरे के निशान 1390 फीट से ऊपर बढ़कर 1394.95 फीट तक पहुंच गया था, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई थी। प्रशासन और बीबीएमबी की सतर्कता के कारण अब हालात कुछ बेहतर हुए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं। पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने फतेहपुर व इंदौरा के मंड क्षेत्रों में काफी तबाही मचाई थी।
लोगों के खेतखलिहान और मकान ब्यास नदी के रौद्र रूप में समा गए थे। वहीं 24 सितंबर को सुबह 12 बजे से शाम 5 बजे तक बांध का जलस्तर क्रमश घटता रहा। पौंग का जल स्तर 12 बजे 1390.92 फीट रहा जबकि पांच बजे यह जलस्तर 1390.87 फीट दर्ज किया गया। इनफ्लो 17,291 क्यूसेक और आउटफ्लो 24,823 क्यूसेक नियंत्रित रूप से छोड़ा गया।
एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने बताया कि बांध से औसतन आठ हजार क्यूसेक पानी स्पिलवे के माध्यम से छोड़ा जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में पर जमा सिल्ट हटाई जा रही है और जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था।
मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई थी। प्रशासन और राहत दल अलर्ट मोड में हैं और लगातार निगरानी रखी जा रही है। अब पौंग बांध से बहुत कम मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। साथ ही हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है और प्रभावित लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
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