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    Kangra News: पौंग बांध से छोड़ा पानी बना आफत, ब्यास में आई बाढ़ में बहा तीन मंजिला भवन, फसलों को भी नुकसान, VIDEO

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 02:48 PM (IST)

    Pong Dam Flood कांगड़ा में पौंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है। फतेहपुर मंड क्षेत्र के भोग्रवां गांव में जल स्तर बढ़ने से कई एकड़ जमीन डूब गई और एक तीन मंजिला भवन क्षतिग्रस्त हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध खनन के कारण पानी का बहाव असामान्य हो गया जिससे यह तबाही हुई।

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    जिला कांगड़ा के फतेहपुर में मंड क्षेत्र में ब्यास नदी के बहाव में क्षतिग्रस्त हुआ मकान।

    रमन कुमार, इंदौरा (कांगड़ा)। Pong Dam Flood, जिला कांगड़ा के पौंग बांध से छोड़ा गया पानी अब लोगों के लिए आफत बनता जा रहा है। जिला कांगड़ा के निचले क्षेत्रों सहित पंजाब के पांच जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। पौंग बांध से ब्यास नदी में पानी छाेड़े जाने से कांगड़ा के मंड क्षेत्र के मंड भोग्रवां गांव में बाढ़ जैसे हाला हैं।

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    यहां नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने से कई एकड़ जमीन जलमग्न हो गई। तेज बहाव के कारण गांव में स्थित एक तीन मंजिला भवन का हिस्सा नदी में समा गया। ब्यास नदी के तेज बहाव ने घर को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। शेष हिस्सा खतरे की जद में है। गनीमत यह रही कि प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पहले ही भवन को खाली करवा दिया था।

    रियाली पंचायत सबसे ज्यादा प्रभावित

    पंचायत रियाली के वार्ड नौ और 10 के लोग बाढ़ से सबसे ज्यदा प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित और रेस्क्यू किए परिवारों के ठहरने के लिए प्रशासन ने दाना मंडी रियाली, बडूखर और सत्संग भवन में अस्थायी आवास की व्यवस्था की है। मंड, भोग्रवां, मल्काना और आसपास के लोग प्रभावित हैं।

    ग्रामीणों का आरोप, अवैध खनन है तबाही का कारण

    ग्रामीणों का कहना है कि अपने घर और जमीन को बहते हुए देखना बेहद पीड़ादायक है। उनका आरोप है कि इस तबाही के पीछे अवैध खनन जिम्मेदार है। खनन माफिया द्वारा नदी में करेट डालने से पानी का बहाव असामान्य हो गया, जिस कारण नुकसान कई गुना बढ़ गया।

    प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

    ग्रामीणों ने प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अब तक न तो उन्हें कोई फौरी राहत दी गई है और न ही ठोस कदम उठाए गए हैं। अधिकारी केवल मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेकर लौट जाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय मिलीभगत से इस क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा है और अब इसकी कीमत उन्हें अपने घर और जमीन गंवाकर चुकानी पड़ रही है।

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