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    तो बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग बंद? पायलटों ने फ्लाइंग से किया इनकार, SDM के साथ बैठक रही बेनतीजा

    कांगड़ा जिले के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग को बंद कर दिया गया है। पायलटों ने फ्लाइंग से साफ इनकार कर दिया है। इसको लेकर एसडीएम ने पायलटों के साथ बैठक की। पायलटों का कहना है कि सभी पायलट अलग-अलग ऑपरेटर और एसोसिएशन के अधीन काम करते हैं। लेकिन कुछ संगठन और ऑपरेटर अपनी मनमानी कर रहे हैं। टेंडम फ्लाइंग के रेट भी सभी के अलग-अलग हो रहे हैं।

    By dinesh katoch Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 06 Feb 2025 08:11 PM (IST)
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    एसडीएम ऑफिस बैजनाथ के बाहर एकत्रित पायलट। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, बैजनाथ। बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडर पायलट और कुछ एसोसिएशन के बीच तकरार हो गई है। इस बीच कई पायलटों ने फिलहाल टेंडम फ्लाइंग की उड़ानें न करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर गुरुवार को एसडीएम बैजनाथ की अगुवाई में पायलटों की बैठक हुई, लेकिन बैठक के बाद भी पायलटों में अधिक सहमति नहीं बन पाई।

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    पायलट राजकुमार ने बताया कि सभी पायलट अलग-अलग ऑपरेटर और एसोसिएशन के अधीन काम करते हैं। लेकिन कुछ संगठन और ऑपरेटर अपनी मनमानी कर रहे हैं। यहां तक कि टेंडम फ्लाइंग के रेट भी सभी के अलग-अलग हो रहे हैं। ऐसे में पायलटों ने फिलहाल टेंडम फ्लाइंग बंद कर दी है।

    मौजूदा समय में अधिकतर पायलट एकजुट हो गए हैं और पैराग्लाइडर पायलट यूनियन के बैनर तले फ्लाइंग कर रहे हैं। एसडीएम डीसी ठाकुर ने बताया कि पायलटों के मुद्दों को लेकर बात हुई है और शुक्रवार से फ्लाइंग शुरू करने पर अधिकतर पायलट ने सहमति जताई है। सभी पायलटों और ऑपरेटर को सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियम मानने होंगे।

    72 घंटे व एक सप्ताह पहले लिए ड्रग्स का भी चलता है पता

    डोप टेस्ट में कम से कम 72 घंटे और अधिक से अधिक एक सप्ताह पहले ड्रग लिए होने का ही पता चलता है। इसकी रिपोर्ट तत्काल ही मिल जाती है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इसकी किट इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं होती और ज्यादातर यह सरकारी अस्पतालों में होती है।

    हालांकि, टेस्ट संबंधित किट निजी क्षेत्र से ही खरीदी जाती है। यहां पर जो डोप टेस्ट होता है वह ओलंपिक खिलाड़ियों की तरह नहीं होता। यहां पर सिर्फ ब्लड या यूरिन सैंपल से होता है, अन्य सक्रीनिंग नहीं होती।

    इसलिए पड़ी डोप टेस्ट की जरूरत

    पैराग्लाइडिंग पायलट अक्सर एक से अधिक उड़ान करते हैं और अपने साथ-साथ पर्यटकों को भी पैराग्लाइडिंग करवाते हैं। अधिक उड़ान के कारण थकावट को कम करने के लिए नशा प्रयोग होने की संभावना है।

    लेकिन सुरक्षा में कोई कोताही न हो, इसलिए पर्यटन विभाग अब पैराग्लाइडिंग पायलटों का डोप टेस्ट करवाएगा। हालांकि, शुरू-शुरू में पर्यटन विभाग रेंडम तौर पर कभी-कभी पायलट का यह टेस्ट करवाता रहा है।

    376 पायलट हैं जिला कांगड़ा में पंजीकृत

    जिला कांगड़ा की तीन पैराग्लाइडिंग साइट्स में करीब 376 पैराग्लाइडिंग पायलट पंजीकृत हैं। यह पायलट टेक ऑफ साइट से पर्यटकों को रोमांच की सुविधा देते हैं।

    बीड़ बिलिंग, इंद्रु नाग व नरवाणा में होती है पैराग्लाइडिंग

    जिला कांगड़ा में तीन पैराग्लाइडिंग साइट्स हैं। इनमें विश्व विख्यात पैराग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग, इंद्रु नाग व नरवाणा साइट शामिल है।

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