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पीएम मोदी ने हिमाचल की देवनीति को बताया राजनीति के लिए बड़ी सीख, कुल्‍लू दौरे के बाद किया यह ट्वीट

PM Modi Praise Himachal Devniti प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की भक्ति में लीन हो गए। 16 मिनट तक एक जगह खड़े होकर रघुनाथ जी की रथयात्रा को देखते रहे। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लिया।

By Mukesh KumarEdited By: Rajesh Kumar SharmaPublished: Thu, 06 Oct 2022 11:31 AM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 11:32 AM (IST)
पीएम मोदी ने हिमाचल की देवनीति को बताया राजनीति के लिए बड़ी सीख, कुल्‍लू दौरे के बाद किया यह ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की भक्ति में लीन हो गए।

कुल्लू, मुकेश मेहरा। PM Modi Praise Himachal Devniti, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की भक्ति में लीन हो गए। 16 मिनट तक एक जगह खड़े होकर रघुनाथ जी की रथयात्रा को देखते रहे। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लिया। मोदी ने भगवान रघुनाथ जी की पूजा की और रथयात्रा के दौरान रथ की रस्सी को भी हाथ लगाया यानी रथ खींचने की परंपरा का निर्वहन किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने ट्वीट कर कहा-हिमाचल की देवनीति में राजनीति के लिए बड़ी सीख। देवनीति में कैसे सबके प्रयास से, सबको जोड़ते हुए, गांव-समाज के विकास के लिए काम किया जाता है, वह विकसित भारत के निर्माण के लिए बड़ी प्रेरणा है।

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नरेन्द्र मोदी बुधवार को दोपहर बाद 3:19 बजे कुल्लू के ढालपुर में रथ मैदान पहुंचे। इस दौरान भगवान रघुनाथ जी के रथ ने भी मैदान में प्रवेश कर गया। प्रधानमंत्री ने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। मंच पर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुल्लवी शाल व टोपी पहनाई और राम दरबार की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया। मंच पर उनके साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप मौजूद रहे।

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16 मिनट तक देखी रथयात्रा

मंच पर करीब सात मिनट तक बैठने के बाद प्रधानमंत्री भगवान रघुनाथ जी की पूजा के लिए रथ मैदान में गए। करीब पांच मिनट तक पूजा की। देवता के कारदार दानवेंद्र ने उन्हें कुल्लवी टोपी पहनाई और भगवान रघुनाथ जी के पुजारी दिनेश किशोर ने टोपी पर कलगी लगा उन्हें चरणामृत दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मंच पर आए। कंधे पर रखे पीले कपड़े को कुछ देर बाद उतार दिया। इसके बाद हाथ जोड़कर खड़े हो गए। करीब 16 मिनट तक प्रधानमंत्री ने रथयात्रा देखी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उनके साथ खड़े रहे। जैसे ही रथ मैदान के अंत तक पहुंचा प्रधानमंत्री भी गाड़ी की ओर चल पड़े। करीब 39 मिनट तक प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में रहे। लोगों में प्रधानमंत्री को नजदीक से देखने का उत्साह था।

संस्कृति व लोकजीवन असली विरासत

पीएम ने ट्वीट किया कि हमारी असली विरासत संस्कृति और लोक जीवन है, जो हजारों वर्षों से हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं। हम दुनिया में कहीं भी रहें, इसकी पहचान हमें विरासत ही करवाती है। राष्ट्रीय एकता हो या नागरिक कर्तव्य उसमें सांस्कृतिक विरासत कड़ी का काम करती है। यही वो मजबूत कड़ी है, जो देश को ही नहीं, पूरी दुनिया को जोड़ती है। समय के साथ हिमाचल में बदलाव आया है लेकिन मुझे संतोष है कि कुल्लू के लोगों ने अपनी संस्कृति को और सशक्त किया है। त्योहारों और उत्सवों की एक विशेषता यह भी है कि ये देव और लोक का अद्भुत संगम होते हैं। इनमें आस्था के साथ गीत-संगीत, व्यापार जैसे लोकजीवन के पहलू भी रहते हैं। मैरा सौभाग्य है कि मुझे ऐतिहासिक कुल्लू दशङरा का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। 

प्रधानमंत्री साथ लाए थे पूजा की सामग्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान रघुनाथ की पूजा की सामग्री अपने साथ लाए थे। इसमें धूप, कपूर, नारियल, ड्राई फ्रूट था। पूजा के बाद भगवान रघुनाथ जी के पुजारी ने प्रधानमंत्री को भगवान का पीला वस्त्र, प्रसाद व नर्गिस व चमेली के फूल की माला दी। मुख्य छड़ीबरदार (मुख्य पुजारी) महेश्वर सिंह ने भगवान रघुनाथ जी की प्रतिमा स्मृति चिह्न के रूप में भेंट की।

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