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    Kullu Dussehra: एसपीजी व पुलिस की निगरानी में सजाया गया भगवान रघुनाथ जी का रथ, PM के लिए विशेष मंच

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar Sharma
    Updated: Wed, 05 Oct 2022 11:12 AM (IST)

    Narendra Modi In Kullu Dussehra अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा के लिए रथ सज गया है। आज भगवान रघुनाथ जी की इसी रथ पर सवार होंगे और रथयात्रा निकलेगी। रथ को फूलों से सजाया गया हैं।

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    अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा के लिए रथ सज गया है।

    कुल्लू, जागरण टीम। Narendra Modi In Kullu Dussehra, अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा के लिए रथ सज गया है। आज भगवान रघुनाथ जी की इसी रथ पर सवार होंगे और रथयात्रा निकलेगी। रथ को फूलों से सजाया गया हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से विशेष जांच दस्ता (एसपीजी) की टीम ने रथ की जांच की। एसपीजी व पुलिस की निगरानी में रथ को सजाया गया। जिला प्रशासन ने दशहरा उत्सव की तैयारियां पूरी कर ली हैं।

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    देवलुओं के बने पहचान पत्र

    उत्सव में आने वाले हर देवता के साथ 10-10 देवलुओं के प्रशासन की ओर से पहचान पत्र बनाए गए हैं। यह देवलू रथ मैदान में प्रवेश से पहले अपने साथ आने वाले अन्य देवलुओं की पहचान करवाने में सहयोग करेंगे। एक देवी-देवता के साथ 50 से 60 देवलू आते हैं, प्रधानमंत्री के दौरे के चलते हालांकि रथ मैदान में इस बार सुरक्षा की दृष्टि से कई पाबंदियां हैं। लेकिन देवी-देवताओं के साथ आने वाले देवलुओं व अन्य आम जनता को मैदान में आने पर कोई मनाही नहीं होगी। मैदान में प्रवेश से पहले सभी को तलाशी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

    36 साल पुराना हो गया रघुनाथ जी का रथ

    भगवान रघुनाथ जी के रथ के निर्माण के लिए कुल्लू की पीज व मंडी जिले के कमांद स्थित पराशर ऋषि के जंगलों से लकड़ी लाई जाती थी। उस समय रथ को रखने के लिए के लिए कोई उपयुक्त स्थान नहीं था। इसके चलते हर छठे या सातवें साल रथ का निर्माण करवाना पड़ता था। लेकिन स्वर्गीय राजा महेंद्र सिंह ने जंगलों को बचाने के उद्देश्य से रथ को रखने के लिए ढालपुर स्थित एक मैदान में एक कमरे का निर्माण करवाया था। इसके बाद रथ वहीं पर रखा जाता है। करीब 36 साल से उसी रथ को इस्तेमाल किया जा रहा है।

    विश्‍व‍कर्मा परिवार करता है निर्माण

    रथ को कुल्लू घाटी के भुलंग स्थित शूया गांव का विश्वकर्मा परिवार बनाता है। वर्तमान समय में हरि सिंह कारीगर हर साल रथ की जांच करता है। उसके बाद ही रथयात्रा में रथ को शामिल किया जाता है। दशहरा उत्सव के बाद हर साल रथ को ढालपुर स्थित रथ मैदान में बने एक कमरे में रखा जाता है और उसके बाद पीपल जातर मेले के मौके पर ही रथ बाहर निकाला जाता है।