हिमाचल में टेलीस्कोप लगाएगा इसरो, अंतरिक्ष मलबे का पता लगाने में मिलेगी मदद
ISRO Telescope in Himachal इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) हिमाचल में दूरबीन लगाने का इच्छुक है ताकि ऊंचाई वाले जियोसिंक्रोनस के आसपास अंतरिक्ष मलबे का पता लगाने व अनुवर्ती कार्रवाई के लिए सहायता मिल सके। केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिकी व खगोल विज्ञान विभाग भी अनुसंधान कार्यक्रमों को गति दे पाएंगे।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। ISRO Telescope in Himachal, इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) हिमाचल में दूरबीन लगाने का इच्छुक है, ताकि ऊंचाई वाले जियोसिंक्रोनस के आसपास अंतरिक्ष मलबे का पता लगाने व अनुवर्ती कार्रवाई के लिए सहायता मिल सके। दूरबीन की मदद से केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिकी व खगोल विज्ञान विभाग भी अनुसंधान कार्यक्रमों को गति दे पाएंगे। शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय व इसरो के बीच आनलाइन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
मार्च के पहले सप्ताह एक विशेषज्ञ के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला की टीम व आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ आब्जर्वेशनल साइंस के डा. बृजेश कुमार ने विभिन्न संभावित स्थलों का सर्वेक्षण किया था। इस दौरान तय किया गया था कि चयनित स्थल पर करीब तीन-चार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार ने भी इस परियोजना के लिए भूमि, सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट आदि का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
एक मीटर दूरबीन को 30 डिग्री अक्षांश पर लगाया जाएगा। इसके लिए करीब 2000 मीटर की ऊंचाई व अन्य मानदंडों के अनुसार दो-तीन उपयुक्त साइट््स का चयन किया जाएगा। इसरो ने इसके लिए फंड जारी कर दिया है। दूरबीन की स्थापना शोध के अलावा एसट्रो टूरिज्म में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि इसरो द्वारा दूरबीन लगाने से शोध के अलावा दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए डाटा उपलब्ध करवाना है। इस मौके पर डीएसएसएएम इसरो मुख्यालय के निदेशक डा. अनिल कुमार, वैज्ञानिक सचिव इसरो शांतनु भटावड़ेकर, डा. बिक्रम प्रधान उप कार्यक्रम प्रबंधक डीएसएसएएम इसरो, देवा अरुल डेनियल एसोसिएट निदेशक डीएसएसएएम इसरो मुख्यालय मौजूद रहे।
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