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    हिमाचल सरकार की नूरपुर में चीनी मिल लगाने की तैयारी, उद्योग विभाग की समिति गठित

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 03:17 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले के नूरपुर में चीनी मिल स्थापित करने जा रही है। इसके लिए पंजाब सीमा से सटी चीनी मिलों के बाजार मूल्य का आकलन करने हेतु एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की गई है। इस परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गन्ना किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा। समिति जल्द ही दौरा कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार कांगड़ा जिला के नूरपुर क्षेत्र में चीनी मिल स्थापित करने की तैयारी में है। इसका प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इस संदर्भ में, प्रदेश सरकार ने पंजाब सीमा से सटी चीनी मिलों के निष्पक्ष बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। 

    उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह समिति संभावित औद्योगिक निवेश और उत्पादन गतिविधियों से जुड़े मूल्यांकन कार्यों को संपन्न करेगी। 

    इस प्रोजेक्ट से लोगों के लिए रोजगार के साधन भी खुलेंगे। वहीं, क्षेत्र के गन्ना उत्पादकों को उनकी फसल का बेहतर दाम मिल पाएगा। साथ ही अन्य किसान भी गन्ना उत्पादन की ओर प्रेरित होंगे। 

    समिति का अध्यक्ष उद्योग विभाग के निदेशक को बनाया गया है, जबकि अतिरिक्त निदेशक (विकास) समिति के समन्वयक होंगे। इसके अतिरिक्त, विभाग के संयुक्त निदेशक (नीति) और संयुक्त निदेशक (परियोजना) भी सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे।

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    कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक/संयुक्त निदेशक को भी समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। 

    समिति सभी आवश्यक बिंदुओं का अध्ययन करेगी

    अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह समिति पंजाब की सीमा से सटे क्षेत्रों में स्थित चीनी मिलों का निष्पक्ष बाजार मूल्य तय करने के लिए सभी आवश्यक बिंदुओं का अध्ययन करेगी। इसका उद्देश्य राज्य के हितों की रक्षा के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में संतुलित नीति बनाना है।

    संबंधित जिलों का दौरा कर रिपोर्ट देगी समिति

    समिति जल्द ही संबंधित जिलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यह कदम प्रदेश में औद्योगिक नीति को और पारदर्शी तथा निवेशक हितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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