Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल की पंचायत में गजब फर्जीवाड़ा, सुहागिन महिला ले रही विधवा पेंशन; जनसंख्या से ज्यादा वोटर

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 01:57 PM (IST)

    Himachal Pradesh Panchayat News हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की गगल पंचायत में फर्जी परिवार पंजीकरण का मामला सामने आया है। नियमों का उल्लंघन कर अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया। एक महिला जो विवाहित है विधवा पेंशन ले रही है। पंचायत रजिस्टर में 29 फर्जी परिवारों का पंजीकरण हुआ है जिनमें से कुछ गांव में रहते भी नहीं हैं।

    Hero Image
    हिमाचल प्रदेश की पंचायतों में कई फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। प्रतीकात्मक फोटो

    दिनेश कटोच, धर्मशाला। Himachal Pradesh Panchayat News, हिमाचल प्रदेश में चुनावी वर्ष में पंचायतों में नए फर्जीवाड़े सामने आने लगे हैं। जिला कांगड़ा की गगल पंचायत में हुए फर्जी परिवार पंजीकरण के मामले में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। नियमों को ताक पर रखकर अपात्रों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गगल पंचायत में पंजीकृत एक महिला के मायके गगल में और ससुराल नेरटी में है। यह महिला दोनों ही पंचायतों के परिवार रजिस्टर में पंजीकृत है। नियम के अनुसार शादी के बाद एक पंचायत से नाम कटवाना अनिवार्य है।

    इस मामले में रोचक यह है कि यह महिला सुहागिन है और पति से तलाक भी नहीं हुआ है लेकिन विधवा पेंशन गगल पंचायत से ले रही है। इस मामले में सोमवार को गगल पंचायत के प्रतिनिधियों ने विकास खंड अधिकारी धर्मशाला से मुलाकात की और पंचायत चुनाव आचार संहिता लगने से ठोस निर्णय लेने की मांग उठाई।

    इस मामले में पंचायत की जांच में सामने आया है कि फर्जी तौर पर परिवार रजिस्टर में पंजीकृत किए 29 परिवारों में से चार गगल में रहते ही नहीं हैं। ऐसे में इस फर्जीवाड़े की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। विभाग इस मामले में वर्ष 2002 के बाद पंचायत में कार्यरत रहे पंचायत सचिवों को भी नोटिस जारी करेगा। लगभग एक हजार की जनसंख्या वाली गगल पंचायत में करीब 1300 मतदाता हैं।

    हैरानी की बात यह है कि परिवार रजिस्टर में फर्जी तरीके से पंजीकृत किए परिवारों के 250 के करीब मत बने हैं। ऐसे में ये लोग किसी भी व्यक्ति विशेष के पक्ष में मतदान कर उसकी जीत को सुनिश्चित कर सकते हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले होने वाली ग्रामसभा की बैठकों में बीपीएल परिवारों और मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के लिए कार्यक्रम तय किए हैं। ऐसे आयोजनों के बीच गगल ही नहीं बल्कि जिलेभर की अन्य पंचायतों में भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।

    ग्रामसभा की बैठकों में अगर पंचायत का कोई भी स्थायी निवासी ऐसे फर्जी पंजीकरण के विरुद्ध आवाज उठता है तो संबंधित लोगों के नाम पंचायत से काटे जा सकते हैं। गगल पंचायत में 29 परिवारों का फर्जी तौर पर परिवार रजिस्टर में पंजीकरण हुआ है। ऐसे परिवारों ने वर्षों से कई लाभ लिए और मतदान भी किया।

    यह भी पढ़ें- Himachal: सिरमौर में एक और पंचायत प्रधान बर्खास्त, शिलाई में 20 से ज्यादा जनप्रतिनिधियों पर हो चुकी कार्रवाई

    इस मामले में विकास खंड अधिकारी ने जांच में अब तक 18 परिवारों के बयान कलमबद्ध किए हैं। चार परिवार तो ऐसे हैं जो अब गगल में नहीं रहते हैं और पांच को अभी तक नोटिस ही जारी नहीं हो पाए हैं। इस मामले में पूर्व पंचायत प्रधानों ने शिकायतकर्ता का नाम सार्वजनिक करने की मांग बीडीओ से उठाई है। इसके जवाब में वर्तमान पंचायत प्रधान व उपप्रधान ने स्पष्ट किया है कि परिवार रजिस्टर में पंजीकृत परिवारों की जांच के दौरान ये तथ्य सामने आए हैं कि पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने वोट बैंक के लिए नियमों के विपरीत यह कार्य किया है।

    यह भी पढ़ें- हिमाचल में पंचायती राज चुनाव को लेकर 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होंगी विशेष ग्राम सभा, जानिए क्या रहेगा एजेंडा

    कई परिवारों ने उठाया अनुचित लाभ

    गगल पंचायत की प्रधान रेणु पठानिया व उपप्रधान भुवनेश चढ्डा ने बताया कि इन परिवारों के लोगों ने कई लाभ अनुचित ढंग से उठाए हैं। इस मामले की जल्द जांच के लिए बीडीओ से मुलाकात की है। पंचायत चुनाव आचार संहिता लगने से पहले फैसला देने की मांग बीडीओ से की है। अगर पंचायत चुनाव से पहले कोई फैसला नहीं आता है तो ऐसे लोग फिर से फर्जी रूप से मतदान करेंगे।

    अब तक 18 परिवारों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। वर्ष 2002 के बाद पंचायत गगल में कार्यरत रहे पंचायत सचिवों को भी इस मामले में नोटिस जारी होंगे। अब तक कुछ और परिवारों के सदस्यों के बयान लिए जाने बाकी हैं। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। 

    -अभिनीत कात्यायान, विकास खंड अधिकारी, धर्मशाला

    यह है मामला 

    वोट की राजनीति और चहेतों को लाभ दिलाने के लिए गगल पंचायत में गड़बड़झाला हुआ है। पंचायत के परिवार रजिस्टर में 29 ऐसे परिवारों को शामिल किया है जो कि अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। ऐसे परिवारों का पंजीकरण आज से लगभग 10 से 15 वर्ष पूर्व हुआ है। इन परिवारों के पंजीकरण में नियमों को ताक पर रखा है। इस प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों व तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों ने भी साथ दिया है। इस गड़बड़झाले की जांच खंड विकास अधिकारी धर्मशाला कर रहे हैं। इन परिवारों के सदस्यों ने फर्जी तौर वोट बनाए हैं और पेंशन और सस्ते राशन का लाभ भी उठाया है।