Himachal: कांगड़ा का जवान देश के लिए बलिदान, करवाचौथ पर आया था घर; दिवाली से पहले परिवार में मातम
कांगड़ा के पलेरा गांव के 43 वर्षीय सैनिक प्यार चंद का जम्मू में हृदयाघात से निधन हो गया। वह सेना में कार्यरत थे। वीरवार सुबह दौड़ लगाते समय उनके सीने में दर्द हुआ और अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पार्थिव देह शनिवार को गांव पहुंचेगी। प्यार चंद करवाचौथ पर घर आए थे और अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनके परिवार में शोक की लहर है।

जम्मू में देश की रक्षा में तैनात कांगड़ा निवासी सैनिक प्यार चंद देश के लिए बलिदान हो गए। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा का सैनिक देश के लिए बलिदान हो गया है। देश की रक्षा में जम्मू में तैनात कांगड़ा उपमंडल के पलेरा पंचायत के सैनिक की हृदयाघात से मौत हो गई।
43 वर्षीय प्यार चंद पलेरा के गांव डाका, वार्ड बम्नेहड़ के रहने वाले थे। उनकी पार्थिव देह शनिवार को घर पहुंचने की उम्मीद है।
पलेरा पंचायत प्रधान सतपाल ने बताया वीरवार को जम्मू के सतवारी स्थित सेना कार्यालय से प्यार चंद की मौत की सूचना मिली, जिसके बाद क्षेत्र में मातम छा गया है। वह आर्म्ड कोर सतवारी में तैनात थे। उनकी मौत का कारण हृदयाघात बताया जा रहा है।
पता चला है कि वीरवार सुबह प्यार चंद दौड़ लगा रहे थे कि अचानक उनके सीने में दर्द उठा। उन्हें सेना अस्पताल सतवारी ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
बुजुर्ग माता-पिता व नौ साल का बेटा और पत्नी सदमे में
प्यार चंद की मौत से उनके माता-पिता, पत्नी और नौ वर्षीय बेटा सदमे में हैं। उनके पिता रेलवे से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी माता बीमारी से पीड़ित बताई जा रही हैं।
पत्नी और बेटा जम्मू के लिए हो गए थे रवाना
वीरवार सुबह प्यार चंद की पत्नी को उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी मिली तो वह बेटे के साथ जम्मू के लिए रवाना हो गईं। हालांकि बाद में उन्हें सेना कार्यालय से फोन पर बताया गया कि वह वापस घर चले जाएं। घर पहुंचने पर उन्हें सैनिक की मृत्यु की जानकारी दी गई। बड़े भाई उनकी पार्थिव देह लेने के लिए जम्मू गए हैं।
करवाचौथ पर घर आए थे प्यार चंद
प्यार चंद अगले वर्ष जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले थे। वह 10 अक्टूबर को करवाचौथ पर घर आए थे और अगले दिन ड्यूटी पर चले गए। पत्नी के करवाचौथ पर पति के दीर्घायु की दुआ काम नहीं आई और यह अनहोनी हो गई।
19 साल की उम्र में हो गए थे सेना में भर्ती
वह डीएवी कालेज कांगड़ा में पढ़ाई के दौरान 19 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हो गए थे। उनका बेटा कांगड़ा में निजी स्कूल में पढ़ता है। कांगड़ा उपमंडल में एक सप्ताह में सेना के जवान की आकस्मिक मृत्यु होने की यह दूसरी घटना है। खोली पंचायत के सैनिक की भी हृदयाघात से मृत्यु हुई थी।
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