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    हिमाचल के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों की जेब होगी ढीली, पर्ची से लेकर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड के भी देने होंगे पैसे

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 11:37 AM (IST)

    हिमाचल के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल टांडा मेडिकल कॉलेज में अब मरीजों को पर्ची, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जैसी सेवाओं के लिए शुल्क देना होगा। पहले ये सेवाएं मुफ्त थीं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह फैसला वित्तीय बोझ कम करने और सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए लिया गया है। इससे मरीजों की जेब पर असर पड़ेगा।

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    टांडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का परिसर। जागरण आर्काइव

    कालेज प्रशासन ने कुछ स्वास्थ्य सेवाओं पर लगाए यूजर चार्जेज
    60 रुपये एक्सरे के लिए और 130 रुपये अल्ट्रासाउंड के चुकाने होंगे
    35 रुपये ईसीजी के टांडा मेडिकल कालेज में वसूले जाएंगे रोगियों से

    तरसेम सैनी, टांडा। अगर आप किसी अपने को उपचार के लिए प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान में लेकर आ रहे हैं तो जेब में कुछ पैसे जरूर डाल लें। आयुष्मान या हिमकेयर कार्ड से रोगी को स्वास्थ्य सेवाएं तब मिलेंगी जब पर्ची बनेगी और उसे दाखिल किया जाएगा। 

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    पर्ची बनवाने के लिए 10 रुपये शुल्क अदा करने पड़ेगा। इसके अलावा एक्सरे, ईजीसी या अल्ट्रासाउंड के लिए भी अब जेब ढीली करनी पड़ेगी। जी हां, यहां बात हो रही है डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा की। कालेज प्रशासन ने कुछ स्वास्थ्य सेवाओं पर यूजर चार्जेज लगाए हैं।

    टांडा में रोगियों से पर्ची शुल्क 10 रुपये लिया जा रहा, जबकि 60 रुपये एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के 130 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा 35 रुपये ईसीजी के लिए जा रहे हैं। 

    आठ जिलों के लोग हैं टांडा पर निर्भर

    हिमाचल के आठ जिलों के लोग विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए टांडा मेडिकल कालेज पर निर्भर हैं। कांगड़ा समेत चंबा, मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति, हमीरपुर के अलावा ऊना व बिलासपुर जिले के कुछ क्षेत्रों के लोग भी टांडा पहुंचते हैं। विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरे हिमाचल के लोग ही टांडा पहुंचते हैं। 

    इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गेस्ट्रोएंट्रोलाजी, नेफ्रोलाजी व कार्डियोलाजी विभाग में उपचार के लिए लोग एक दिन पहले ही टांडा पहुंच जाते हैं। इन ओपीडी में रात से तीमारदार कतारों में लग जाते हैं। रोगियों व तीमारदारों को यूजर चार्जेज वसूलने का मेडिकल कालेज प्रशासन का निर्णय अखरने लगा है।

    पर्ची के लिए एक घंटे खड़े रहने के बाद अब शुल्क भी

    शुक्रवार को टांडा मेडिकल कालेज में उपचार के लिए पहुंची श्वेता, अमित, राहुल इत्यादि ने बताया कि पर्ची शुल्क 10 रुपये लिया गया। उन्हें पता ही नहीं था कि अब पर्ची के पैसे लगेंगे। जब पर्ची बनवाने के लिए एक घंटे तक कतार में खड़ा होना पड़ता है। ऐसे में 10 रुपये का शुल्क भी चुभता है। इतना ही नहीं एक्सरे और अल्ट्रासाउंड समेत अन्य टेस्ट करवाने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है। 

    अस्पताल प्रशासन को रोगियों को सुविधा देनी चाहिए, लेकिन यहां कतारों में खड़े होकर परेशान होना पड़ता है। इस ओर भी अस्पताल प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

    कुछ माह पहले जारी की थी यूजर चार्जेज वसूलने की अधिसूचना

    प्रदेश सरकार ने कुछ माह पहले प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में यूजर चार्जेज वसूलने की अधिसूचना जारी की थी। इसका प्रदेशभर में विरोध हुआ था। इसके बाद सरकार ने अधिसूचना को वापस लेकर गेंद स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारियों के पाले में डाल दी थी। कहा गया था कि रोगी कल्याण समिति अपने स्तर पर इस संबंध में निर्णय लेगी।

    अधिकारी बात करने से बच रहे

    उधर, इस संबंध में टांडा मेडिकल कालेज के चिकित्सा अधीक्षक डा. विवेक बन्याल से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि वह अभी व्यस्त हैं बाद में बात करेंगे। कुछ घंटे बाद दोबारा उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने मोबाइल फोन कॉल नहीं उठाई।

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    पर्ची बनवाने के लिए आभा कार्ड आवश्यक

    टांडा मेडिकल कालेज में अब पर्ची बनवाने के लिए आभा कार्ड आवश्यक कर दिया है। इससे भी लोगों की परेशानी बढ़ गई है। काफी इंतजार के बाद जब लोगों की बारी पर्ची बनवाने की आ रही तो उनसे आभा कार्ड मांगा जा रहा है। आभा कार्ड न होने की स्थिति में उनकी आइडी बनाने का प्रविधान किया है, लेकिन उसके लिए मोबाइल फोन पर ओटीपी भेजा जा रहा है। कुछ लोग जिनके पास न आभा कार्ड और न ही मोबाइल फोन तो वे पर्ची से वंचित रहे रहे हैं।