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    Job Trainee Policy में नियमितीकरण की ठोस गारंटी नहीं, हिमाचल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष का दावा, नीति पर उठाए सवाल

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 04:00 PM (IST)

    Himachal Job Trainee Policy भाजपा नेता सतपाल सत्ती ने सुक्खू सरकार की जॉब ट्रेनी पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि यह युवाओं के साथ धोखा है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आशंका जताई और कहा कि प्रशिक्षुओं को नियमित कर्मचारियों जैसे लाभ नहीं मिलेंगे। सत्ती ने सरकार पर कम नियमित नौकरियां देने का आरोप लगाया

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    भाजपा नेता सतपाल सत्ती ने जाॅब ट्रेनी नीति का विरोध किया है।

    जागरण संवाददाता, धर्मशाला। Himachal Job Trainee Policy, हिमाचल प्रदेश के पूर्व भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में ग्रुप-ए, बी और सी के पदों पर भर्ती पर सुक्खू सरकार की नई योजना का कड़े शब्दों पर विरोध करते हुए कहा कि इसके पीछे का मकसद अच्छे उम्मीदवार भर्ती करना नहीं, बल्कि पैसे बचाना है, ताकि पूरा वेतन देने से बच सकें।

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    उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार शुरू से ही बेरोजगार के साथ छल करती आई है, जिसके कारण प्रदेश के युवा सड़कों पर खाक छान रहे हैं। उन्होंने कहा कि जॉब ट्रेनी पालिसी ने युवाओं में गहरी चिंता उत्पन्न कर दी है। यह पालिसी ग्रुप ए, बी, और सी के पदों पर अनुबंध भर्ती प्रणाली को समाप्त करने के लिए लाई गई है। इसके अंतर्गत, उम्मीदवारों को दो वर्षों के लिए ट्रेनी के रूप में नियुक्त किया जाएगा, लेकिन नियमितीकरण की कोई ठोस गारंटी नहीं है।

    ट्रेनी को पेंशन, छुट्टियां, और अन्य भत्ते जैसे नियमित कर्मचारियों के लाभ नहीं मिलेंगे, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा। सतपाल सत्ती से आरोप लगाया कि भर्ती के लिए स्वायत्त निकायों और एजेंसियों की भूमिका अस्पष्ट है, जिससे भ्रष्टाचार या पक्षपात का डर हो सकता है। इसके अलावा, ट्रेनी को अतिरिक्त काम के बिना समान लाभ न मिलने से शोषण करना है।

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    क्या बैचवाइज नियुक्ति में भी टेस्ट होगा

    उन्होंने कहा कि हिमाचल की वर्तमान सरकार इस समय में दो साल के कॉन्ट्रैक्ट पीरियड को भी नियमित करने में ढाई पौने तीन साल लगा रही है तो दूसरी बार टेस्ट में कितनी देरी लगेगी। क्या बैचवाइज नियुक्ति में भी टेस्ट होगा। पालिसी का मतलब नियमित रोजगार नहीं देना है। दूसरी बार टेस्ट लेकर भी सरकार अपना खजाना ही भरेगी। चंबा से टेस्ट देने आना टेस्ट की फीस केवल प्रताड़ना ही है।

    31 महीने में सरकार ने मात्र 900 नियमित नौकरियां दी

    सत्ती ने यह भी आरोप लगाया कि अभी 31 महीने में केवल 900 नियमित नौकरी इस सरकार ने दी है बाकी वन मित्र आदि कच्ची भर्तियां की हैं, अब इस पालिसी के बाद नियुक्ति पाने वाले भी इस सरकार में पक्के नही होंगे। सरकार 31 महीने में टेस्ट नहीं करवा पाई वो नियुक्ति के 24 महीने बाद क्या करवा पाएगी, इस पर प्रश्न चिन्ह है। मतलब इस सरकार में पक्की नौकरी मिलेगी ही नहीं।

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    यह नीति युवाओं के भविष्य के लिए नहीं ठीक

    उन्होंने कहा कि जॉब ट्रेनी पॉलिसी 2025 युवाओं के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी। इसके माध्यम से पेशेवरता और प्रशासनिक सुधार लाने का दावा किया गया है, लेकिन परिणामस्वरूप युवाओं में असुरक्षा, मानसिक तनाव, और आर्थिक दबाव में वृद्धि हो सकती है। इस पालिसी से स्पष्ट है कि हिमाचल सरकार युवा विरोधी है।