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    काम की खबर: हिमकेयर या आयुष्मान! हेल्थ कार्ड बनवाने से पहले पढ़ लें ये खबर वरना इमरजेंसी में आ सकती है बड़ी दिक्कत

    Updated: Fri, 09 Feb 2024 03:27 PM (IST)

    Himachal Pradesh News यदि आप भी हेल्थ कार्ड बनवाने का विचार कर रहे हैं तो यह खबर आप ही के लिए है। दरअसल हिमाचल में एक ही हेल्थ कार्ड पर फ्री उपचार की सुविधा मिलेगी। हेल्थ कार्ड में दर्ज आधार नंबर लिंक होने के कारण अब एक ही कार्ड बनेगा। केंद्र की आयुष्मान योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे आने वालों को मिला रहा है।

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    Himachal Pradesh health Scheme: हिमकेयर या आयुष्मान कार्ड! हिमाचलवासी अब नहीं बनवा सकेंगे दो हेल्थ कार्ड

    तरसेम सैनी, टांडा (कांगड़ा)। (Ayushman Bharat and HIMCARE Scheme in Himachal) अगर आपके पास दो स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड यानी हेल्थ कार्ड हैं तो उनकी जांच करवा लें। ऐसा न हो कि इमरजेंसी में भटकना पड़े। हिमाचल में एक ही हेल्थ कार्ड पर निश्शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। हेल्थ कार्ड में दर्ज आधार नंबर लिंक होने के कारण अब एक ही कार्ड बनेगा।

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    प्रदेश में चलती हैं दो योजनाएं

    हिमाचल में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) और मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर-Himcare), दो स्वास्थ्य बीमा योजनाएं संचालित हैं। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में और श्रेणियां शामिल की गई हैं।

    केंद्र सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले यानी आइआरडीपी और बीपीएल में शामिल परिवारों को मिल रहा था। इसमें अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही सभी के टेस्ट व उपचार की सुविधा है। इसके अलावा हिमाचल में मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) भी संचालित है। जो लोग आयुष्मान भारत योजना में नहीं आते उन्हें हिमकेयर योजना का लाभ मिल रहा है।

    हिमकेयर योजना में अस्पताल में भर्ती हुए बिना भी रोगी के जरूरी टेस्ट निश्शुल्क हो जाते हैं। हिम केयर योजना के तहत मेडिकल कॉलेजों में सीटी, एमआरआइ निश्शुल्क होते हैं। साल में एक बार कार्डधारक इनका लाभ उठा सकते हैं। दोनों योजनाओं में पांच-पांच लाख रुपये का बीमा कवर है।

    इसलिए दी जाती थी हिमकेयर कार्ड को तरजीह

    आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है। इसमें ज्यादा समय लगता है और औपचारिकताएं भी अधिक हैं। इसलिए निजी व सरकारी अस्पताल में हिमकेयर योजना के तहत उपचार को प्राथमिकता दी जाती थी। सरकार के पास कई ऐसे भी मामले आए हैं जिसमें पहले रोगी का उपचार आयुष्मान भारत योजना व बाद में हिमकेयर के तहत किया गया।

    इसमें कुछ निजी अस्पताल ज्यादा चूना लगा रहे थे। वे पहले आयुष्मान भारत योजना का पैकेज खर्च कर देते थे फिर रोगी को हिमकेयर कार्ड बनवाने के लिए कह देते थे। हिमकेयर के तहत ज्यादा खर्च होने पर हिमाचल सरकार पर अधिक वित्तीय बोझ पड़ रहा है।

    अब आयुष्मान योजना में शामिल श्रेणियां

    प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में पहले आइआरडीपी और बीपीएल में शामिल परिवार ही कवर हो रहे थे। अब इसमें वरिष्ठ नागरिक, आशा, आंगनबाड़ी वर्कर, मनरेगा मजदूर (जिनके साल में 50 से अधिक कार्य दिवस होंगे) भी शामिल किए गए हैं।

    आयुष्मान योजना  में शामिल होने पर दोबारा बनवाने पड़ रहे कार्ड

    आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Yojana) में कुछ और श्रेणियां शामिल की गई हैं। इनमें जिन लोगों ने पहले हिमकेयर कार्ड बनवाए थे उन्हें अब आयुष्मान कार्ड बनवाने पड़ रहे हैं। कुछ लोगों ने तो तीन साल के लिए हिमकेयर कार्ड बनवा लिए थे। इसके लिए उन्होंने 1000 रुपये प्रीमियम भी अदा किया था।

    हालांकि आयुष्मान में शामिल नई श्रेणियों से संबंधित लोग जिन्होंने हिमकेयर कार्ड (Himcare Card) बनवाए हैं को मोबाइल फोन पर मैसेज भेजे गए हैं, लेकिन वे इस पर ध्यान नहीं दे रहे। बीमार होने पर जब अस्पताल पहुंच रहे हैं तो हिमकेयर में उनसे से संबंधित डाटा नहीं मिल रहा। फिर उन्हें आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है।

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