Himachal: वाट्सएप मैसेज पर क्लिक करते ही 3 खातों से 1.62 लाख रुपये गायब, ये 8 सावधानियां बरत ठगी से बचें
Himachal Pradesh Cyber Fraud पालमपुर में साइबर ठगी का मामला सामने आया है जहाँ एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के तीन बैंक खातों से 162000 रुपये निकाल लिए गए। साइबर अपराधियों ने पीएनबी के नाम पर उनसे मोबाइल और वाट्सएप नंबर मांगा और फिर मैसेज पर क्लिक करते ही पैसे उड़ा लिए। पीड़ित ने पुलिस और साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है।

कुलदीप राणा, पालमपुर। Himachal Pradesh Cyber Fraud, पुलिस विभाग और विभिन्न एजेंसियों की बार-बार चेतावनियों के बावजूद लोग लगातार साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर शहर में एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के साथ ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें उसके तीन बैंक खातों से 1,62,000 रुपये निकाल लिए गए हैं। पीड़ित ने पुलिस और साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है और राशि की वापसी की गुहार लगाई है।
मोबाइल और वाट्सएप नंबर मांगा
सेवानिवृत्त कर्मचारी ओम प्रकाश जरयाल, निवासी नगर निगम वार्ड 12, न्यू माडर्न कालोनी पालमपुर हैं ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि उन्हें साइबर ठगों ने पीएनबी के लॉगो के साथ मोबाइल पर काॅल की। ठगों ने उनसे बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर और वाट्सएप नंबर मांगा। उन्होंने बताया कि बैंक से नया पासवर्ड बनाया जा रहा है।
मैसेजे पर क्लिक करते ही तीन खातों से उड़े पैसे
इसके बाद उन्हें वाट्सएप पर पीएनबी के लॉगो के साथ एक मैसेज प्राप्त हुआ। जब उन्होंने उस मैसेज पर क्लिक किया तो उनके तीन अलग-अलग खातों से राशि निकाल ली गई। जब उन्हें बैंक से राशि निकाले जाने का संदेश मिला तो उन्होंने तुरंत बैंक से संपर्क किया। बैंक ने उन्हें बताया कि ऐसा कोई फोन या वाट्सएप पर संपर्क नहीं किया गया था।
तीन खातों से 162000 रुपये निकाले
ओम प्रकाश ने बताया कि उनके पेंशन खाते से 9000 रुपये, दूसरे खाते से 57800 रुपये और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक से 95200 की राशि निकाल ली गई है। इस प्रकार कुल मिलाकर 162000 रुपये की ठगी का शिकार वह हो चुके हैं।
लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता
थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे साइबर ठगों से सावधान रहें और किसी भी प्रकार की संदिग्ध काल या मैसेज पर ध्यान न दें। यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि हो रही है और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ें- Himachal News: हिमाचल में गांव की महिला ने नशा तस्करी से जुटा ली 90 लाख रुपये की संपत्ति, पुलिस करेगी जब्त
ये बरतें सावधानी
- मोबाइल फोन पर लोन का कोई मैसेज आए तो उस पर ध्यान न दें बल्कि उसे नजरअंदाज करें।
- मैसेज में कोई लिंक हो तो उस पर भूलकर भी क्लिक न करें, यह गड़बड़ की शुरुआत हो सकती है।
- फोन या मैसेज में कोई भी जानकारी मांगी जाए तो न दें। बैंक स्टेटमेंट या खाते से जुड़ी जानकारी शेयर न करें
- ऐसा कोई भी मैसेज या फोन आए तो पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें।
- कभी भी नेट बैंकिंग पासवर्ड, ओटीपी, एटीएम पिन, फोन बैंकिंग पिन, कार्ड सीवीवी नंबर या एक्सपायरी डेट जैसी कोई भी गोपनीय जानकारी किसी से शेयर न करें।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क या सार्वजनिक कंप्यूटरों का उपयोग करते समय वित्तीय लेनदेन बिल्कुल न करें।
- आनलाइन बैंकिंग खातों के लिए मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और उन्हें समय-समय पर बदलते रहें।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले ट्रांजेक्शन अलर्ट पर हमेशा ध्यान दें।
लोगों को होना होगा जागरूक
साइबर ठगी से बचाव के लिए पुलिस स्कूलों से लेकर पंचायतों तक जागरूकता अभियान चला रही है। अब लोगों को खुद भी जागरूक होना होगा। याद रखें कि अगर कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो तुरंत इसकी शिकायत बैंक या साइबर थाना व पुलिस में करें। तत्काल हुई ठगी एवं ट्रांसजेक्शन को बैंक के माध्यम से रुकवाया या वापस लिया जा सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।