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    हिमाचल: नूरपुर की बेटी बनी फ्लाइंग ऑफिसर, पिता भी भारतीय वायुसेना में सेवारत, मेरिट में भी छाई ऐशिता

    By Dinesh Katoch Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 05:08 PM (IST)

    कांगड़ा जिले के नूरपुर की बेटी ऐशिता शर्मा भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनी हैं, जिससे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। अखिल भारतीय मेरिट सूची में 1 ...और पढ़ें

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    नूरपुर के डन्नी की ऐशिता शर्मा भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनी हैं।

    संवाद सहयोगी, नूरपुर (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की बेटी भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग आफिसर बनी है। उपमंडल नूरपुर के तहत डन्नी गांव की ऐशिता शर्मा ने इलाके का नाम रोशन किया है। ऐशिता का चयन होने से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। ऐशिता ने अखिल भारतीय मेरिट सूची में 12वां स्थान प्राप्त किया है। 

    यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे नूरपुर क्षेत्र और जिला कांगड़ा के लिए गौरव का विषय है। ऐशिता शर्मा राजीव शर्मा और रुचिका शर्मा की पुत्री हैं तथा ग्राम डन्नी (नूरपुर)जिला कांगड़ा की निवासी हैं।

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    चंडीगढ़ से ली शिक्षा

    उन्होंने अपनी प्रारंभिक एवं जमा दो की शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय 3-बीआरडी, चंडीगढ़ से प्राप्त की। इसके उपरांत उन्होंने सीसीइटी, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से बीई (कंप्यूटर साइंस) की डिग्री हासिल की। उनका चयन भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित एएफसीएटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात हुआ है।

    पिता भी वायु सेना में सेवारत

    ऐशिता की इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत, लगन और अनुशासन के साथ-साथ पारिवारिक प्रेरणा भी रही है। उनका पारिवारिक परिवेश पहले से ही भारतीय वायुसेना से जुड़ा रहा है। उनके पिता वर्तमान में भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं, जिससे उन्हें बचपन से ही देशसेवा की प्रेरणा मिलती रही।

    दादा-दादी का सपना साकार

    परिवार के लिए यह क्षण विशेष रूप से भावुक और गौरवपूर्ण है, क्योंकि ऐशिता के दादा कुलदीप चंद शर्मा और दादी कल्याण देवी का सपना उनकी पौत्री के वायुसेना में चयन के साथ साकार हुआ है।

    सफलता बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत

    ऐशिता अब जनवरी 2026 से वायुसेना अकादमी, सिकंदराबाद (हैदराबाद) में अपना प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगी। ऐशिता के चयन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने ऐशिता और उनके परिवार को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। यह सफलता क्षेत्र की बेटियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनकर सामने आई है।

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