Himachal Famous Dishes: कुल्लू दशहरा में सिड्डू लोगों की पहली पसंद, मोदी भी चख चुके हैं स्वाद, जानिए खासियत
Himachal Famous Dishes Siddu अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में स्थानीय व्यंजन सिड्डू की खूब धूम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पसंदीदा इस व्यंजन की दिन में लाखों रुपये की बिक्री हो रही है। मेला मैदान में 90 स्टाल व रेहड़ियों पर सिड्डू परोसा जा रहा है
कुल्लू, कमलेश वर्मा। Himachal Famous Dishes Siddu, अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में स्थानीय व्यंजन सिड्डू की खूब धूम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पसंदीदा इस व्यंजन की दिन में लाखों रुपये की बिक्री हो रही है। मेला मैदान में 90 स्टाल व रेहड़ियों पर सिड्डू परोसा जा रहा है, जहां सारा दिन खूब भीड़ जुट रही है। स्थानीय सहित देश-विदेश के पर्यटक इन्हें खूब स्वाद से खा रहे हैं। दो साल के मुकाबले इस साल सिड्डू की कीमत भी बढ़ी है। स्वादिष्ट चटनी के साथ एक सिड्डू 50 रुपये और देसी घी के साथ 70 रुपये में बिक रहा है। सिड्डू की मांग इतनी है कि इसके आगे चौमीन और मोमो भी फीके पड़ गए हैं। हालांकि इनके भी 100 से अधिक स्टाल हैं। हर साल अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सिड्डू का लाखों रुपये का कारोबार होता है।
यह है सिड्डू की खासियत
सिड्डू की विक्रेता शीला बताती हैं कि यह गेहूं के आटे और अखरोट का बनता है। इसे देसी घी के साथ खाने के कारण यह व्यंजन शरीर को अंदर से गर्म रखता है। इसलिए पहले सर्दियों में ही इस व्यंजन को बनाया जाता था। हालांकि अब लोग इसे गर्मी व सर्दी हर मौसम में खा रहे हैं।
दशहरा में सिड्डू पहल पसंद
सिड्डू व मोमो का स्टाल लगा रही बबेली की शीला नेगी, रजनी व अल्पना का कहना है कि दशहरा में लोग सिड्डू सबसे अधिक पसंद करते हैं। दो साल बाद धूमधाम से मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय उत्सव में लोग खरीददारी के साथ सिड्डू खाने का पूरा आनंद ले रहे हैं। शीला व रजनी के स्टाल पर ही दिन में 1000 से 1500 सिड्डू बिक जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब भी हिमाचल आते हैं तो कुल्लू के सिड्डू के स्वाद का जिक्र करना नहीं भूलते है। अब यह व्यंजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है।
बनाने की विधि
यह उबला हुआ आटे का व्यंजन है। पहले अखरोट, पोस्ट और खुमानी की गुठली के अंदर के हिस्से को मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है। आटे में इस पेस्ट को मिलाकर सिड्डू को भाप पर पकाया जाता है। पहले सिड्डू को देशी घी के साथ खाया जाता था। अब लोग अचार, पुदीने, अखरोट की खास तरह की चटनी के साथ भी खाने लगे हैं।
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