फारेक्स ट्रेडिंग धोखाधड़ी: हवाला के जरिये दुबई पहुंचाया निवेशकों का पैसा, मामला NIA को सौंपने की तैयारी, 5 राज्यों से जुड़े तार
Forex Trading Scam फारेक्स ट्रेडिंग में निवेशकों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपितों ने हवाला के जरिये पैसा दुबई पहुंचाया और कारोबार में निवेश किया। उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार एजेंट नवाब हसन से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। ईडी ने मामला एनआईए को सौंपने की तैयारी कर रही है। जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

जागरण संवाददाता, मंडी। Forex Trading Scam, पांच राज्यों के निवेशकों से फारेक्स ट्रेडिंग में 400 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी कर शातिरों ने हवाला के जरिये पैसा दुबई पहुंचा दिया और अपने कारोबार में निवेश किया है। उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार एजेंट नवाब हसन से पूछताछ में यह बात सामने आई है। पंजाब के एजेंट हरिंदर पाल सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है।
पांच राज्यों में था अवैध संचालन
उत्तर प्रदेश के शामली का रहने वाला लविश चौधरी उर्फ नवाब फारेक्स ट्रेडिंग का हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व गुजरात में अवैध रूप से संचालन कर रहा था। उसने पांचों राज्यों में अपने मुख्य एजेंट बना रखे थे।
हिमाचल में ये थे मुख्य एजेंट
हिमाचल में मंडी जिले के जोगेंद्रनगर का राजेंद्र सूद, विनीत कुमार व सुखदेव उसके मुख्य एजेंट थे। लविश चौधरी अबुधाबी में रहता है। वह अबुधाबी की क्रिकेट 10 टीम का मालिक है। देश छोड़कर भागे अन्य आरोपित भी उसके पास रहते हैं। वहीं से देश के अन्य राज्यों में फारेक्स ट्रेडिंग का कारोबार संचालित कर रहे हैं।
मामला एनआईए को सौंपने की तैयारी
नवाब हसन व हरिंदर पाल सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दोनों ने कई राज उगले हैं। आतंकी फंडिंग की बात भी सामने आई है। मामला जांच के लिए एनआइए को सौंपने की तैयारी चल रही है।
जल्द हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
दो मुख्य एजेंटों के पकड़े जाने के बाद अब ईडी ने अन्य आरोपितों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। ईडी ने आरोपितों का वीजा रद करवा उन्हें भारत लाने की मुहिम भी तेज कर दी है। ईडी इस मामले में अब तक करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करवा चुकी है।
50 से 100 करोड़ रुपये का निवेश करवाने वाले थे डायमंडल क्लब में
नवाब हसन के घर दबिश के दौरान 93 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। आरोपितों ने नोएडा में भी कई प्लाट खरीद रखे थे। डायमंड क्लब में शामिल एजेंटों को यह प्लाट दिए जाते थे। डायमंड क्लब में उन्हें शामिल किया जाता था जो 50 से 100 करोड़ रुपये तक का निवेश करवाते थे।
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