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पठानकोट से जोगेंद्रनगर के बीच पहली फरवरी से चलेगी एक्सप्रेस ट्रेन

पहली फरवरी से पठानकोट से जोगेंद्रनगर ट्रैक पर तेज रफ्तार वाली एक्सप्रेस ट्रेन शुरू होगी। एक्सप्रेस ट्रेन 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी और मात्र पांच घंटे में पठानकोट से पपरोला पहुंच जाएगी

By Edited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 10:09 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 10:30 AM (IST)
पठानकोट से जोगेंद्रनगर के बीच पहली फरवरी से चलेगी एक्सप्रेस ट्रेन
पठानकोट से जोगेंद्रनगर के बीच पहली फरवरी से चलेगी एक्सप्रेस ट्रेन

धर्मशाला, जेएनएन। पठानकोट से जोगेंद्रनगर ट्रैक पर पहली फरवरी से तेज रफ्तार वाली एक्सप्रेस ट्रेन शुरू होगी। ट्रेन नंबर 52481/52482 पठानकोट से पपरोला तक चलेगी। इस रेलगाड़ी के चलने के बाद पपरोला तक दौड़ने वाली ट्रेन नंबर 52465/52470 को जोगेंद्रनगर तक चलाया जाएगा। एक्सप्रेस ट्रेन 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी और मात्र पांच घंटे में पठानकोट से पपरोला पहुंच जाएगी।

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रेलवे की ओर से जारी समयसारिणी के अनुसार, यह ट्रेन पठानकोट से सुबह 9.20 बजे चलेगी और दोपहर 2.25 बजे पपरोला पहुंचेगी। इसके बाद 4.30 बजे पपरोला चलेगी और रात 9.35 बजे पठानकोट पहुंचेगी। पिछले माह केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक का हवाई निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा था कि ट्रेनों की स्पीड 30 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की जाएगी और इसके लिए नए इंजन भी लगाए जाएंगे।

एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए दिसंबर में कई दफा ट्रायल भी किए गए थे। ट्रायल सफल होने के बाद रेलवे विभाग ने पहली फरवरी से एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। इस समय चलती हैं छह अप व डाउन ट्रेनें इस समय पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर छह अप और छह डाउन ट्रेनें चलती हैं। इससे पहले ये रेलगाड़ियां पपरोला तक पहुंच रही थीं, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के बाद ज्वालामुखी से कोपरलाहड़ तक ट्रैक को अस्थायी तौर पर असुरक्षित घोषित कर दिया है। पिछले दो दिन से ट्रेनें रानीताल स्थित ज्वालामुखी रोड तक ही जा रही हैं। अंग्रेजों ने तीन साल में बनाया था ट्रैक पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक का निर्माण अंग्रेजों ने जोगेंद्रनगर में पहले हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लगाने के लिए किया था। यहां ट्रेन के जरिये मशीनरी पहुंचाई थी। यह कार्य कर्नल बीसी बैट्टी की देखरेख में किया था। मार्ग का कार्य दो मई, 1926 को शुरू हुआ था। पहली अप्रैल, 1929 को रेलगाड़ी शुरू हुई थी।

रेलमार्ग की खास बातें

-164 किलोमीटर है ट्रैक की लंबाई

-2 करोड़, 72 लाख 13 हजार रुपये आई थी निर्माण पर लागत

-3 साल में पूरा हुआ था ट्रैक का कार्य

-950 पुल व दो सुरंगें हैं ट्रैक पर


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