पांचवें वेतन आयोग जैसे लाभ चाहते हैं कर्मचारी
पांचवें वेतन आयोग में अधिक प्राप्त कर चुके सरकारी कर्मचारी अब वेतन आयोग से भी इसी तरह के वित्तीय लाभ चाहते हैं। इसके लिए शिक्षकों में विरोध उभरने लगा है। सरकारी क्षेत्र में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की दूसरी श्रेणियों के कर्मी वेतन कितना बढ़ा-घटा इसकी गणना कर रहे हैं।

शिमला, राज्य ब्यूरो। पांचवें वेतन आयोग में अधिक प्राप्त कर चुके सरकारी कर्मचारी अब नए वेतन आयोग से भी इसी तरह के वित्तीय लाभ चाहते हैं। इसके लिए शिक्षक वर्ग में विरोध उभरने लगा है। सरकारी क्षेत्र में सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की दूसरी श्रेणियों के कर्मी वेतन कितना बढ़ा-घटा इसकी गणना कर रहे हैं।
छठे वेतन आयोग की घोषणा होने के बाद शिक्षकों व लिपिक श्रेणी तुलनात्मक दृष्टि से कुछ कम लाभ में है। अभी तक किसी भी सरकारी विभाग की ओर से वित्त विभाग के सामने कोई लिखित आपत्तियां नहीं पहुंची है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के 90 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए 2.59 का फैक्टर उपयुक्त रहेगा। एक माह के भीतर सभी कर्मचारियों को दो फैक्टर 2.25 व 2.59 में से एक विकल्प चुनकर देना है। उसके बाद विभागाध्यक्ष वेतनमान निर्धारण की औपचारिक स्वीकृति देगा। ग्रेड-पे से अधिक वित्तीय लाभ प्राप्त करने के पात्र बने शिक्षक व लिपिक वर्ग के अधीन आने वाले कर्मचारी पांचवें वित्तायोग का फार्मूला नए वेतन आयोग से भी चाहते हैं।
हर वेतन आयोग में कुछ खास घटित हुआ
-छठे वेतन आयोग में चिकित्सकों को 20 प्रतिशत एनपीए मिलने से बेसिक व डीए और पेंशन में भी वित्तीय लाभ प्राप्त होगा। अभी चिकित्सकों को 25 प्रतिशत एनपीए मिलता है।
-पांचवें वेतन आयोग में शिक्षक व लिपिक वर्ग को ग्रेड-पे में भारी उछाल आने से जबरदस्त लाभ मिला था।
-चौथे वेतन आयोग में कृषि विभाग में सेवाएं देने वाले सहायक विकास अधिकारी व मुख्य कृषि अधिकारी की श्रेणी को अधिक लाभ मिला था।
2.59 फैक्टर सबके लिए उपयुक्त
सरकार के वित्त विभाग के माहिर अधिकारियों का मत है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को देखते हुए उपलब्ध विकल्पों में 2.59 का फैक्टर सबसे उपयुक्त रहेगा, यदि 2.25 का फैक्टर चुना जाता है तो बेसिक कम निर्धारित होगा। दो साल प्रोवेशन पीरियड पूरा कर चुके नए कर्मचारियों के लिए भी 2.59 फैक्टर लाभप्रद रहेगा। किसी भी कर्मचारी की बेसिक का निर्धारण विकल्प चुनने के बाद तय होगा।
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