Sujan Singh Pathania: हमेशा बेदाग रही सात बार विधायक बने सुजान सिंह पठानिया की छवि
Sujan Singh Pathania पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने वन विभाग से नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। 1977 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने। इसके बाद कांग्रेस नहीं छोड़ी। उनका 44 वर्ष का राजनीतिक सफर बेदाग छवि वाला रहा।

फतेहपुर, बलविंद्र ठाकुर। Sujan Singh Pathania: पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने वन विभाग से नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। 1977 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने। इसके बाद कांग्रेस नहीं छोड़ी। उनका 44 वर्ष का राजनीतिक सफर बेदाग छवि वाला रहा। किसी ने भी उन पर इतने लंबे राजनीतिक करियर में कोई आरोप नहीं लगाया। जिला कांगड़ा में कांग्रेस को जीत दिलवाने के लिए उनकी कई बार अहम भूमिका रही। वह जिला कांगड़ा से अकेले राजपूत नेता थे, जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पकड़ को यहां पर मजबूत किया था। हमेशा वीरभद्र के करीब रहे सुजान सिंह पठानिया 44 वर्ष के राजनीतिक सफर में सात बार विधायक बने। वह वीरभद्र सिंह के हमेशा करीबी रहे।
इस कारण कांग्रेस सरकार में तीन बार मंत्री भी बने। उन्होंने फतेहपुर हलके में विकास कार्यों को गति दी। हिमाचल के नक्शे पर कहीं फतेहपुर नजर आता है तो इसमें उनका बहुमूल्य योगदान है। राजनीतिक सफर 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर जवाली से विधायक बने। 1980 में कांग्रेस में शामिल हुए। 1990 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। 1993 में तीसरी बार विधायक बने। 2003 में चौथी बार विधानसभा पहुंचे।
2009 के उपचुनाव में पांचवीं बार विधायक बने। 2012 में छठी बार और वर्तमान में सातवीं बार विधायक बने। कब क्या पद संभाले 1982-83 में प्रदेश वन कॉर्पोरेशन के वाइस चेयरमैन रहे। 1984-85 में स्टेट हाउसिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन का पदभार संभाला। 1995 से 98 तक कृषि मंत्री रहे। 2007 में परिवहन मंत्री बने। 2012 से 2017 तक ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। भाजपा सरकार कार्यकाल में प्राक्कलन एवं लोक प्रशासन सहित कई कमेटियों के सदस्य भी रहे।
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