Himachal News: राजस्व विभाग के नोटिस मिलने के बाद ग्राम पंचायत ने जताया रोष, आंदोलन करने की दी चेतावनी
लंबलू पंचायत में भवन के नवीनीकरण के कार्य शुरु होते ही पंचायत प्रधान को हल्का पटवारी द्वारा काम बंद करने को लेकर नोटिस भेजा है। इसमें लिखा गया है कि पंचायत द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है और अगर काम शीघ्र नहीं रोका गया तो पटवारी द्वारा भू-राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की बात भी की है।

हमीरपुर, जागरण संवाददाता। लंबलू पंचायत में भवन के नवीनीकरण के कार्य शुरु होते ही पंचायत प्रधान को हल्का पटवारी द्वारा काम बंद करने को लेकर नोटिस भेजा है। इसमें लिखा गया है कि पंचायत द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है, अगर काम शीघ्र नहीं रोका तो उनके खिलाफ भू-राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह बात लंबलू पंचायत के प्रधान केएस चौहान ने कही। उन्होंने डीसी से मिलकर मांग उठाई है कि उन्हें निर्माण कार्य करने की अनुमति दी जाए।
पंचायत के प्रधान का ये है कहना
चौहान का कहना है कि लंबलू पंचायत 1961 में अस्तित्व में आई थी। इसके रेनोवेशन के लिए दो साल पहले तत्कालीन पंचायती राज मंत्री से पुराने भवन के नवीनीकरण के लिए धन जारी करने और मौजूदा भवन में कुछ अतिरिक्त और परिवर्तन करके आवास बढ़ाने की मांग की थी।
इसी के चलते 10 लाख रुपए की पहली किस्त भी मिल गई और मैंने तुरंत इस कार्यालय के क्रमांक 55/23 डीटी 8-5-230 के माध्यम से अपने अधीन भूमि के नियमितिकरण के लिए आवेदन किया। लेकिन स्थानीय पटवारी ने पर्चा जारी नहीं किया। वन विभाग को एनओसी जारी करने की आवश्यकता है क्योंकि स्थानीय तहसीलदार ने हमारे बार-बार मौखिक और बार-बार अनुरोध के बावजूद अनुमति नहीं दी।
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हमनें एक इंच भी जमीन कब्जा नहीं की
अब जब यह निर्माण शुरू हुआ तो पटवारी का नोटिस मिल गया। चौहान का कहना है कि यह कोई नया निर्माण नहीं है। ईओ बागवानी एडीओ कृषि इत्यादि जैसे अन्य विभागीय कार्यालयों के आवास के लिए और हमारे स्वयं के उपयोग के लिए अधिक आवास प्राप्त करने के लिए मौजूदा संरचना में कुछ नए परिवर्तन करना, मरम्मत, नवीनीकरण करना और प्रभावी बनाना। हम हमने हमारी पुरानी संरचना से परे एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है।
आंदोलन करने की दी चेतावनी
इस 48 कनाल सरकारी भूमि पर तीन और सरकारी कार्यालय भी बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे उन्होंने डीसी हमीरपुर को भी इस बारे अवगत करवाया गया है। चौहान का कहना है कि यह कोई नया निर्माण नहीं है। उन्होंने चेताया है कि अगर यह नोटिस वापस नहीं लिया गया, तो वे मजबूरन आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
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