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    Dubai Tejas Crash: सैनिक स्कूल सुजानपुर के 21वें बैच के होनहार कैडेट रहे थे नमांश स्याल, सुबह प्रार्थना सभा के बजाय हुई शोक सभा

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 01:39 PM (IST)

    दुबई में तेजस विमान दुर्घटना में शहीद हुए नमांश स्याल, सैनिक स्कूल सुजानपुर के 21वें बैच के प्रतिभाशाली कैडेट थे। उनकी शहादत की खबर से विद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई और प्रार्थना सभा के स्थान पर शोक सभा का आयोजन किया गया। नमांश, विद्यालय के अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ छात्रों में से एक थे, जिनकी याद में पूरा विद्यालय भावुक है।

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    विंग कमांडर नमांश स्याल के बलिदान पर सैनिक स्कूल सुजानपुर में शोकसभा के दौरान छात्र।

    जागरण टीम, सुजानपुर (हमीरपुर)। दुबई एयर शो के दौरान फाइटर जेट तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने से बलिदान हुए हिमाचल प्रदेश निवासी विंग कमांडर नमांश स्याल के स्कूल में सन्नाटा पसरा रहा। सैनिक स्कूल सुजानपुर में वीर जवान पूर्व छात्र को याद किया गया व श्रद्धांजलि दी गई। 

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    सैनिक स्कूल सुजानपुर की पहचान देश को अनुशासित, साहसी और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक देने वाली संस्था के रूप में रही है। शनिवार की सुबह इस प्रतिष्ठित संस्थान के लिए बेहद पीड़ादायक बन गई।

    21वें बैच के होनहार कैडेट रहे 

    नमांश स्याल सैनिक स्कूल के 21वें बैच (रोल नंबर 1906) के छात्र रहे थे और अपने समय के होनहार एवं अनुशासित कैडेटों में गिने जाते थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही विद्यालय के छात्र, शिक्षक और कर्मचारी स्तब्ध रह गए। हर चेहरा गमगीन था और पूरे परिसर में सन्नाटा छा गया।

    प्रार्थना सभा के बजाय हुई शोक सभा

    इस दुखद अवसर पर शनिवार को स्कूल के मुख्य प्रांगण में प्रार्थना सभा के बजाय शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी छात्रों, स्टाफ सदस्यों और ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हुए। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और प्रभु चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

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    नमांश का जीवन अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति का प्रतीक रहा

    विद्यालय प्रशासन ने कहा कि विंग कमांडर नमांश स्याल का जीवन अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति का प्रतीक रहा है। उनकी शहादत सैनिक स्कूल और पूरे क्षेत्र के लिए एक अपूर्णीय क्षति है, लेकिन उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा। उनके निधन से पूरा सुजानपुर शहर शोक की लहर में डूबा हुआ है।


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