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    तिरंगे में लिपटे बेटे को देख बेहोश हुए सैनिक के पिता, मां का भी रो-रोकर बुरा हाल; अखनूर में बलिदान हुए थे कुलदीप

    हमीरपुर के गलोड़ निवासी जेसीओ कुलदीप चंद अखनूर सेक्टर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। रविवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। हजारों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। कुलदीप के पिता अपने बेटे का तिरंगे में लिपटा शव देखकर बेहोश हो गए। उनकी मां और पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल था।

    By ranbir thakur Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 13 Apr 2025 10:01 PM (IST)
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    बलिदान कुलदीप चंद के गांव में शोक की लहर

    अशोक शर्मा, गलोड़। जेसीओ (जूनियर कमांडिंग ऑफिसर) कुलदीप चंद जिसे लोग दीपू कहकर बुलाते थे, वह दीप सदा के लिए बुझ गया। बलिदानी कुलदीप का पार्थिव शरीर रविवार सुबह जैसे ही उनके गांव कोहलवीं में पहुंचा तो भारत माता की जय व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंज उठे।

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    देह घर पहुंची तो परिवार का हर सदस्य बिलख उठा, जिन्हें देख हर आंख नम हो गई। हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल की गाहलियां पंचायत के कोहलवीं निवासी 47 वर्षीय सूबेदार कुलदीप चंद की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए।

    बलिदानी बेटे का चेहरा देख बेहोश हुए पिता

    बलिदानी के घर में माहौल उस समय और गमगीन हो गया जब तिरंगे में लिपटे बेटे का चेहरा देख 84 वर्षीय पूर्व सैनिक पिता रत्न चंद बेहोश हो गए। साथ खड़े लोगों ने उन्हें मुश्किल से संभाला। बलिदानी की 75 वर्षीय माता शकुंतला और 40 वर्षीय पत्नी संतोष कुमारी रो-रोकर बेहाल थीं।

    14 साल के बेटे आर्यन शर्मा और 18 वर्षीय बेटी दीक्षा ने जय हिंद का नारा लगाते हुए सेल्यूट कर वीर सैनिक पिता को अंतिम विदाई दी। बलिदानी के बेटे आर्यन ने नम आंखों से पिता को मुखाग्नि दी, जिसे देखकर हर कोई भावुक हो गया।

    हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि

    हजारों लोगों ने बलिदानी जेसीओ कुलदीप चंद को श्रद्धांजलि दी। उनकी अंतिम विदाई में गलोड़ क्षेत्र से लोगों के भारी हुजूम सहित जिला हमीरपुर प्रशासन और गलोड़ व बड़सर क्षेत्र के नेता भी शामिल हुए। गलोड़ बुधबीं चौक से बलिदानी के घर तक करीब 10 किलोमीटर तक युवाओं ने रैली निकाली और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।

    11 अप्रैल को हुए थे बलिदान

    जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सीमा पर 11 अप्रैल को आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए जेसीओ कुलदीप चंद को गोली लग गई थी, जिन्हें तुरंत सेना अस्पताल में भर्ती किया गया था। लेकिन उन्होंने प्राण त्याग दिए।

    रविवार को सैन्य सम्मान के साथ वीर योद्धा को अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी कुलदीप चंद 9 पंजाब रेजीमेंट में तैनात थे। वह 2001 में हमीरपुर में आयोजित भर्ती में सेना में चयनित हुए थे और फरवरी 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले थे।

    इस मौके पर उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह ने कहा कि हमीरपुर वीरों की भूमि है, जिस पर गर्व है। बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि बलिदानी कुलदीप चंद के बलिदान पर गर्व है। पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री ने कहा कि कुलदीप के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।

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