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    नववर्ष पर सजे हिमाचल के शक्तिपीठ, मंदिरों में 24 घंटे दर्शन; लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 10:43 AM (IST)

    नववर्ष के आगमन पर हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को सजाया जा रहा है। चिंतपूर्णी, श्रीनयना देवी, बाबा बालकनाथ, बज्रेश्वरी, चामुंडा देवी और ज्वालाजी मं ...और पढ़ें

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    नववर्ष के आगमन पर हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को सजाया जा रहा है (फाइल फोटो)

    जागरण टीम, धर्मशाला। नववर्ष के आगमन पर प्रदेश में पर्यटन स्थलों के साथ मंदिरों को सजाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाने और बाहरी हिस्से में लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है।

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    माता चिंतपूर्णी, श्रीनयना देवी, बाबा बालकनाथ दियोतसिद्ध, माता बज्रेश्वरी, माता चामुंडा देवी और माता ज्वालाजी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। दर्शनों के लिए समय भी तय कर दिया है। चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालु रात्रि 11.30 से 12:30 बजे को छोड़कर दिनरात दर्शन कर सकेंगे।

    31 दिसंबर और पहली को दो दिवसीय नववर्ष मेले का आयोजन किया31 दिसंबर और पहली जनवरी को मंदिरों में किया जाएगा नववर्ष मेलों का आयोजन11.30 से 12:30 बजे रात में एक घंटे के लिए चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट बंद24 घंटे दियोतसिद्ध मंदिर में कर सकेंगे।

    श्रद्धालु बाबा बालकनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन6 से रात के 12 बजे तक ज्वालाजी, बज्रेश्वरी और माता चामुंडा देवी के दर्शन कर सकेंगे । ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। 

    श्रीनयना देवी मंदिर में नववर्ष मेले के संचालन के लिए  दियोतसिद्ध में दर्शन के लिए बाबा बालकनाथ की पवित्र गुफा 24 घंटे खुली रहेगी। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में भोजन, चाय-पान, ठहरने और पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। भीड़ के लिए अतिरिक्त पार्किंग स्थलों का प्रबंध है।

    कांगड़ा जिला में बज्रेश्वरी मंदिर, ज्वालाजी और चामुंडा देवी मंदिर के कपाट सुबह छह बजे से रात 12 बजे तक दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे। ज्वालाजी मंदिर में माता की चौकी सहित भजन कीर्तन और भंडारों का भी आयोजन किया जाएगा। नववर्ष पर भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता प्रबंध किए हैं। सभी मंदिरों में पुलिस बल के साथ होमगार्ड के जवान तैनात किए जाएंगे।