दुबई तेजस क्रैश: 19 साल की उम्र में वायुसेना में चयनित हो गए थे नमांश, युवावस्था में ही देश के लिए बलिदान हो गए विंग कमांडर
दुबई में तेजस विमान दुर्घटना में शहीद हुए विंग कमांडर नमांश स्याल 19 साल की उम्र में वायुसेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने कम उम्र में ही देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। दुबई एयर शो में विमान प्रदर्शन के दौरान यह दुखद घटना हुई। उनके निधन से परिवार और दोस्तों में शोक की लहर है।

विंग कमांडर नमांश स्याल का अंतिम संस्कार हो गया। इस दौरान उनकी पत्नी और बच्ची। जागरण
जागरण टीम, धर्मशाला। दुबई एयर शो के दौरान तेजस विमान हादसे में बलिदान हुए हिमाचल निवासी विंग कमांडर का रविवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। देश ने जांबाज पायलट खो दिया, वहीं माता-पिता ने जवान बेटा।
नमांश स्याल इस साल अप्रैल में बेटी के साथ घर आए थे। वह 19 वर्ष की आयु में ही एयरफोर्स में भर्ती हुए थे। 35 साल की उम्र में वह देश के लिए बलिदान हो गए।
उनकी शिक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर से हुई थी। वहां भी बेहतरीन कैडेट रहे। यहीं से शिक्षा लेकर वह 19 साल की उम्र में वायुसेना में भर्ती हो गए थे।
पत्नी ने सेल्यूट कर दी अंतिम विदाई
वहीं, एयरफोर्स अफसर पत्नी अफशां ने हौसला नहीं टूटने दिया। अफसर पत्नी ने बेटी का हाथ थामे हुए वायु सेना की वर्दी में सेल्यूट कर विंग कमांडर पति को अंतिम विदाई दी। विंग कमांडर नमांश की पत्नी अफशां भी भारतीय वायुसेना में पायलट हैं। इनकी सात साल की बेटी है।
पिता भी रहे वायुसेना में अधिकारी
35 वर्षीय विंग कमांडर नमांश स्याल जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां उपमंडल के तहत पटियालकड़ गांव के रहने वाले थे। पिता जगन्नाथ भी भारतीय वायुसेना से रिटायर हुए हैं। इसके बाद वह सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य रहे।
अफशां की कोलकाता में चल रही थी ट्रेनिंग
नमांश की पत्नी इन दिनों कोलकाता में ट्रेनिंग पर थीं, इस कारण उन्होंने अपनी सात साल की बेटी को कोयंबटूर में दादा-दादी के पास छोड़ा था। नमांश के साथ हुए हादसे की माता-पिता को वहीं जानकारी मिली थी।
2014 में हुई थी शादी
नमांश और अफशां की 2014 में शादी हुई थी। 11 साल के वैवाहिक जीवन का अंत हो गया। अफशां से नमांश का साथ छूट गया है।

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