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    'गर्व है... जो मैं नहीं कर सका, उसने कर दिखाया', बलिदानी मेजर पवन के सैनिक पिता की बात सुनकर आप भी करेंगे सैल्यूट

    जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी में कांगड़ा के सूबेदार मेजर पवन कुमार (Subedar Major Pawan Kumar) बलिदान हो गए। उनके पिता गरज सिंह जो पूर्व सैनिक हैं ने बेटे के बलिदान को गर्व का पल बताया। पवन कुमार 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने परिवार को सांत्वना दी। पवन कुमार के परिवार में पत्नी बेटा और बेटी हैं।

    By Digital Desk Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Sun, 11 May 2025 11:19 AM (IST)
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    बलिदानी सूबेदार मेजर पवन कुमार की फाइल फोटो।

    जागरण टीम, धर्मशाला/शाहपुर। ‘बेटे का बलिदान मेरे लिए गर्व के पल लाया है क्योंकि जो मैं नहीं कर पाया वह बेटे ने कर दिखाया!’ आंसुओं के सैलाब को पहाड़ बन कर रोकते हुए ऐसा कहते हैं जम्मू-कश्मीर में कांगड़ा के बलिदानी सूबेदार मेजर पवन कुमार के पिता गरज सिंह।

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    पूर्व सैनिक गरज सिंह भी कभी उसी पंजाब रेजीमेंट का हिस्सा रहे हैं, जिसमें उनके बेटे पवन सेवाएं दे रहे थे। कांगड़ा के गांव सिहोलपुरी (झुलाड़) निवासी पवन कुमार पंजाब रेजीमेंट में तैनात थे और पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में बलिदान हुए हैं। पिता गरज सिंह को बेटे के बलिदान की सूचना शनिवार सुबह 8.30 बजे मिली।

    31 अगस्त को होने वाले थे सेवानिवृत्त

    पवन ने इस साल 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होना था। पवन के परिवार में माता-पिता, पत्नी और बेटा-बेटी हैं। पार्थिव देह आज शाहपुर पहुंचेगी और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के फोन गरज सिंह को आए, उनका स्वर संयत था जबकि बरामदे में बलिदानी की माता का करुण विलाप सुनाई दे रहा था।

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    गरज सिंह कहते हैं- ‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू कश्मीर के हालात पर चिंता थी। मैंने बेटे को फोन पर पूछा था कि सुरक्षित हो? उसने कहा चिंता की बात नहीं। आज फोन आया तो बताया कि सिर पर चोट लगी है। मैं समझ गया था कि हेड इंजरी है तो यह गंभीर है।’

    पवन कुमार पुंछ के कृष्णाघाटी में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी से घायल हुए थे और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया और वहां उन्होंने अंतिम सांस ली। कहा, उन्होंने हिम्मत जुटाकर स्वजन को सूचना दी।

    सीएम सुक्खू ने बलिदानी के पिता को किया फोन

    बलिदानी का 23 वर्षीय बेटा अभिषेक और 22 वर्षीय बेटी अनामिका राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। वीरनारी सुषमा देवी गृहिणी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से की जा रही कार्रवाई के बीच पवन कुमार जिला कांगड़ा के पहले बलिदानी हैं। वह एक महीने पहले छुट्टी काटकर लौटे थे।

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बलिदानी के पिता से फोन पर कहा कि प्रदेश सरकार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि पवन का बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा, सरकार हमेशा परिवार के साथ है। कांगड़ा के सांसद डॉक्टर राजीव भारद्वाज, विधायक केवल सिंह पठानिया और पूर्व विधायक सरवीण चौधरी ने भी बलिदानी के घर पहुंचकर दुख प्रकट किया।

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