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    हिमाचल प्रदेश के राजस्व व राजकोषीय घाटे में हो सकती है 3000 करोड़ की वृद्धि, सरकार कैसे करेगी व्यय में कटौती?

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 12:41 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार को राजस्व और राजकोषीय घाटे में 3000 करोड़ रुपये की वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। सरकार व्यय में कटौती और आर्थिक सुधारों के माध ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश सरकार राजस्व व राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में नहीं रख पाई है। इसमें 3000 करोड़ रुपये से अधिक वृद्धि होने की संभावना है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान राजस्व घाटा 1044.85 करोड़ अधिक बढ़कर कुल 7434.92 करोड़ पहुंचेगा, जबकि राजकोषीय घाटा 10337.97 करोड़ से बढ़कर 12114.00 करोड़ रहने की संभावना है। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.74 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

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    सीएम ने पेश की रिपोर्ट

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सदन में हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व व बजट प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत रिपोर्ट पेश की, जिसके तहत सरकार द्वारा उठाए जा रहे सामान्य आर्थिक व नीतिगत कदमों की जानकारी दी गई। सदन को अवगत करवाया गया कि सरकार सभी अनुत्पादक व्ययों में कटौती करने पर ध्यान देगी।

    सीएम बोले, व्यय में कटौती होगी

    सरकार ने बताया कि संस्थानों का युक्तीकरण किया जा रहा है। ऐसा करने से व्यय में कटौती होगी। कर और गैर कर प्राप्तियों में वृद्धि करने का प्रयास रहेगा। विभिन्न विकासात्मक व कार्यक्रमों के वित्त पोषण के लिए केंद्र सरकार से उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग किया जाएगा। इसके साथ साथ बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं से संसाधन जुटाए जाएंगे।

    राजस्व व राजकोषीय घाटा

    बजट में सरकार ने राजस्व घाटा 6000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन अब सरकार को ऐसा लगता है कि इसमें 1044.85 करोड़ की अधिक वृद्धि होगी व कुल राजस्व घाटा बढ़कर 7434.92 करोड़ होगा। इसी तरह से बजट में सरकार को लगा कि राजकोषीय घाटा 10337.97 रहेगा। अब इसमें दो हजार करोड़ से अधिक की वृद्धि होकर यह कुल 12114.00 रहने की संभावना है।

    राजस्व घाटा बढ़ने के ये है मुख्य कारण

    • रिपोर्ट में बताया कि राजस्व घाटा बढ़ने के पीछे एनडीआरएफ के तहत राज्य के हिस्से से अधिक खर्च होने का तर्क दिया गया है। हिमाचल पिछले तीन सालों से प्राकृतिक आपदा का दंश झेल रहा है। जिसके चलते नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई पर ज्यादा खर्च हो रहा है।
    • रिपोर्ट में बताया है कि जीएसटी के दो स्लैब खत्म होने से प्रदेश को 1726.55 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। केंद्र ने जीएसटी के 12 व 18 प्रतिशत का स्लैब खत्म किया है। इससे राजस्व प्राप्तियों में आने वाले समय में कमी आएगी। 

    केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में बढ़ेगी ग्रांट 

    केंद्र प्रायोजित स्कीमों में 1662.73 करोड़ रुपये की वृद्धि संभावित है। इसका कारण एनडीआरएफ, पीएम आवास योजना, मनरेगा, रेणुका जी बांध विस्थापितों को मुआवजा मिलना, पीएम कृषि सिंचाई योजना, पीएमजीएसवाई, राष्ट्रीय आयुष मिशन, नए नर्सिंग कालेज स्थापित करना, सरकारी मेडिकल कालेजों का दर्जा बढ़ाने के लिए अनुदान प्राप्त होगा।

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    आय व व्यय

    प्रदेश सरकार की राजस्व प्राप्तियां बजट में 42342.97 करोड़ रुपये प्रस्तावित की गई थी, लेकिन संशोधित प्रस्तावों के तहत प्राप्तियों में 254.34 करोड़ रुपये की वृद्धि होने की संभावना है। ऐसे में कुल राजस्व प्राप्तियां 42597.31 करोड़ रुपये होंगी। जहां तक सरकार द्वारा राजस्व व्यय की बात है तो बजट में 48733.04 रुपये खर्च आंका गया था, जोकि बढ़कर 50032.23 पहुंचेगा। सरकार के खर्चों में वृद्धि 1299.19 होने की संभावना व्यक्त की गई है।