HP Board Exam: हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने बदला वार्षिक परीक्षा का पैटर्न, तीनों सीरीज होंगी एक समान; बहुविकल्पीय प्रश्न जुड़ेंगे
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने वार्षिक परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव किया है। अब तीनों सीरीज में एक समान प्रश्न होंगे, जिससे छात्रों को तैयारी में आसानी होगी और मूल्यांकन में निष्पक्षता आएगी। बोर्ड का मानना है कि यह कदम छात्रों के हित में है और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह बदलाव आगामी परीक्षाओं से लागू होगा।

हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने वार्षिक परीक्षा का पैटर्न बदल दिया है। प्रतीकात्मक फोटो
संवाद सहयोगी, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में अब दसवीं व जमा दो की वार्षिक परीक्षाओं में मार्च 2026 से ए, बी व सी सीरीज के तहत एक समान प्रश्न पूछे जाएंगे। केवल प्रश्नों के क्रमांक बदले जाएंगे। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने लिया है।
बोर्ड मुख्यालय धर्मशाला में अध्यक्ष डा. राजेश शर्मा ने बताया कि अब तक 10वीं व जमा दो की वार्षिक परीक्षाओं में मुख्य विषयों में ए, बी व सी सीरीज में प्रश्नपत्र तैयार किए जा रहे थे।
हर सीरीज में अलग-अलग प्रश्न होते थे। इससे छात्रों के एक समूह को सरल प्रश्नपत्र प्राप्त हो जाता था व अन्य को कठिन। परिणामस्वरूप एक ही परीक्षा में मेधावी बच्चों को अंक कम प्राप्त होने की संभावना रहती थी। इसीलिए इस निर्णय बदला है।
चौथी से छठी के लिए लागू होगा नया पाठ्यक्रम
उन्होंने बताया कि शिक्षा बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि चौथी से छठी के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से एनसीईआरटी दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।
20 प्रतिशत बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे
विद्यार्थियों को नीट, जेईई व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बोर्ड परीक्षाओं के सभी विषयों के प्रश्नपत्रों में 20 प्रतिशत बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। नौवीं से जमा दो के प्रमुख विषयों के लिए प्रश्नबैंक तैयार करवाए हैं, जिनकी वर्तमान में विषय विशेषज्ञों की ओर से वेटिंग की जा रही है। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए उक्त प्रश्न बैंक दिसंबर के प्रथम सप्ताह में बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
पहले यह थी व्यवस्था
दसवीं व जमा दो की वार्षिक परीक्षाओं में पहले ए, बी व सी सीरीज के तहत अलग-अलग प्रश्न पूछे जाते थे। इससे विद्यार्थियों को भी किसी अलग सीरीज के छात्र के ज्यादा अंक आने पर यह लगता था कि उसकी सीरीज में आसान प्रश्न पूछे गए हैं जबकि उनकी सीरीज में कठिन लेकिन अब तीनों सीरीज में एक समान प्रश्न पूछे जाएंगे।
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