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    Himachal Assembly Winter Session: सत्र के पहले दिन विधानसभा में हंगामा, सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई नोकझोंक

    Updated: Wed, 18 Dec 2024 08:05 PM (IST)

    Himachal Assembly Winter Session हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Himachal Assembly Winter Session 2024) 18 से 21 दिसंबर तक धर्मशाला में आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर टकराव हुआ। विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। यही कारण रहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई

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    हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को धर्मशाला के तपोवन में शुरू हुआ। बुधवार को विपक्ष ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव (काम रोको प्रस्ताव) के माध्यम से घेरा। चर्चा के दौरान सदन में कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच नोकझोंक हुई।

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    विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा। सदन की कार्यवाही को दो बार 10-10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। हालांकि पहली बार राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली (नेवा एप्लीकेशन) की शुरुआत करने के कारण स्थगित की। दूसरी बार कार्यवाही विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआती समय में हुई।

    विपक्ष ने की कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश

    भाजपा के रणधीर शर्मा ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नियम-67 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की।

    सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया और सदन में निर्धारित तमाम कार्यों को लंबित करते हुए प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करवाई। विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल को कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सौंपे गए आरोप पत्र में उठाए गए मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया।

    इस दौरान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों व विधायकों ने सरकार का बचाव भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष जो भी आरोप लगा रहा है वह महज परिकल्पना है।

    भ्रष्टाचार गंभीर विषय है, विपक्ष जो भी आरोप लगा रहा है उसके तथ्य व कागज भी सदन में रखे। यदि इनमें सच्चाई होगी तो सरकार इसकी जांच भी करवाएगी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा शुरू करते हुए प्रदेश सरकार पर भाजपा फोबिया से ग्रस्त होने का आरोप लगाया।

    दो साल के विकास कार्यों पर बहस

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो साल के मौके पर बिलासपुर में आयोजित जश्न में अपनी उपलब्धियां कम गिनाई और भाजपा को अधिक कोसा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार के दो साल में हुए भ्रष्टाचार के कारनामों को लेकर राज्यपाल को आरोप पत्र सौंपा है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक एक भी आरोप का जवाब नहीं दिया गया है।

    उन्होंने कहा कि सरकार आबकारी नीति पर अपनी पीठ थपथपा रही है जबकि इस नीति की का सहारा लेकर शराब घोटाला किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने नई आबकारी नीति के नाम पर छह जिलों में छोटी यूनिटों को हटाकर एक-एक बड़ी यूनिट बना दी ताकि अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा दिया जा सके।

    किन्नौर जिला में शोंगटोंग परियोजना के निर्माण में लगी पटेल कंपनी को 162 करोड़ रुपए का अवांछित लाभ देने और 150 करोड़ रुपए का काम 288 करोड़ रुपए में आवंटित करने का भी आरोप भी लगाया। उन्होंने नादौन में 2.60 लाख रुपए की जमीन को 6.72 करोड़ रुपए में एचआरटीसी के लिए खरीदने का आरोप भी लगाया।

    उन्होंने प्रदेश सरकार पर हिमाचल को बेचने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने जानबूझकर एचपीटीडीसी के 18 होटलों को बंद करने की साजिश रची।

    उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट का सहारा लेकर इन होटलों को बेचना चाहती है। उन्होंने प्रदेश में आई आपदा के नाम पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने गुमनाम पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पीएमओ तक यह पत्र पहुंचा।

    जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि सीआईडी इसकी जांच करने के बजाए समोसे की जांच करने में लगी है। उन्होंने 26 जुलाई को हरियाणा के पानीपत में पकड़ी अवैध शराब जो सिरमौर जिला के पावंटा साहिब की फैक्ट्री में बनी थी उसका मामला उठाते हुए कहा कि इसे बिहार ले जाया जा रहा था, इसकी भी जांच नहीं हुई।

    दस्तावेज रखने के बाद आगे बढ़ी चर्चा विपक्ष की तरफ से विधायक रणधीर शर्मा ने जब स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ की तो सत्ता पक्ष ने 2 बातों को लेकर आपत्ति जताई गई।

    पहला सत्ता पक्ष ने विपक्ष से सरकार के खिलाफ लाए गए स्थगन प्रस्ताव में आए विषय के दौरान लगे आरोपों के दस्तावेज सदन पटल पर रखने को कहा तथा दूसरा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के चर्चा के समय उपस्थित रहने को कहा।

    विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस दौरान कहा कि सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की स्थिति में विपक्ष को दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए, जिसके लिए उन्होंने कार्यवाही को स्थगित करके कुछ समय दिया। इस बीच विधायक रणधीर शर्मा की ओर से सदन पटल पर कुछ कागजात रखे गए। यह वही दस्तावेज थे, जिसको विपक्ष की तरफ से सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर राज्यपाल को सौंपा गया था

    भ्रष्टाचार से खराब हुई हिमाचल की छवि: बलबीर वर्मा

    भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने चर्चा में भाग लेते हुए आरोप पत्र में उठाए मामलों का जिक्र कर जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने बहुत सारे ऐसे कार्य किए हैं, जिसमें कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ है। हिमाचल की छवि खराब हुई है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि जिस सड़क पर एक लाख रुपए खर्च होना था, उस पर 10 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल व सिंचाई योजनाओं के लिए आई पाइपें कहां गई, उसकी भी जांच होनी चाहिए।

    इंटरलॉकिंग टाइल्स पेवेज लगाने में घोटाला: शौरी

    भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने आरोप लगाया कि कुल्लू जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण के नाम पर घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिले की लगभग अधिकांश पंचायतों में इंटरलॉकिंग टाइल्स पेवेज लगाने को लेकर भी घोटाला हुआ।

    सीएम की विपक्ष को दो टूक,तथ्यों पर सामने रखकर लगाएं आरोप, कराएंगे जांच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष को दो टूक शब्दों में कहा कि वह तथ्यों के आधार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष काम रोको प्रस्ताव को लेकर गंभीर नहीं है।

    मुख्यमंत्री ने नादौन में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी स्पष्टीकरण दिया और कहा कि एचआरटीसी को बेची गई जमीन की भाजपा जो कीमत बता रही है, वह वर्ष 2015 की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में 80 कनाल जमीन 4.75 लाख रुपए स्टाम्प ड्यूटी देकर दो करोड़ रुपए में खरीदी गई थी।

    यह जमीन एनएच के नजदीक है, इसलिए इसका सर्कल रेट बढ़ गया है, जिस कारण इसकी कीमत छह करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई।

    उन्होंने कहा कि इस जमीन की खरीद-फरोख्त में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय हुए पीपीई किट और सेनिटाइजर घोटाले के किंगपिन के खिलाफ तत्कालीन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

    व्यवस्था पतन की ओर जा रहा प्रदेश: जयराम ठाकुर

    नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा के बीच हस्तक्षेप करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार राज्य को व्यवस्था पतन की ओर ले जा रही है। उन्होंने दावा किया कि सुक्खू सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति से राजस्व में छह से सात फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार के समय शराब से राजस्व में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।

    जयराम ठाकुर ने काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार द्वारा चार विधेयक पेश करने पर भी कड़ा एतराज जताया और कहा कि नियम 67 के तहत चर्चा के दौरान किसी भी अन्य कामकाज की अनुमति की इजाजत का नियमों में प्रावधान नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरकार पेश किए गए विधेयकों को वापस ले और काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इन्हें दोबारा पेश करे।

    विपक्ष ने नहीं किया विरोध: विधानसभा अध्यक्ष

    विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार द्वारा विधेयक पेश किए जाने का विपक्ष ने विरोध नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान विपक्ष का संख्या बल कम था, जबकि सत्तापक्ष पूरी संख्या में सदन में हाजिर था।

    उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम 326 के तहत विधानसभा अध्यक्ष को कई विशेषाधिकार प्राप्त हैं, जिनका प्रयोग करते हुए उन्होंने ये विधेयक पेश करने की अनुमति दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला ज्यादा बड़ा नहीं है, इसलिए विपक्ष इसे ज्यादा तूल न दे।

    सरकार किसी योजना को रोकना नहीं चाहती: मुकेश उप मुख्यमंत्री

    मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने केंद्र को यह लिखकर दिया था कि हमारी योजनाएं पूरी हो गई हैं और सभी जगह नल लग गए हैं। उन्होंने कहा कि वे तीन बार व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय मंत्री से मिलकर आए हैं और उनसे हिमाचल के रोके हुए बजट को जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा भी सरकार की मदद करे, सरकार किसी भी योजना को रोकना नहीं चाहती।

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